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रविवार, 27 सितंबर 2009

अनूप जी, अब सम्हालिए... सेमिनार तय हो गया!!

 

पिछली पोस्ट में मैने जिस सेमिनार के न हो पाने की बात बतायी थी उसके आयोजन की तैयारी में आदरणीय अनूप शुक्ल जी ने बहुत समय खर्च किया था। जाने कितने चिठ्ठाकारों से चर्चा में लगे रहे। इन्होंने जाने कितने आदि, अनादि, अनामय, अविचल, अविनाशी चिठ्ठाकार भाइयों, बहनों और दोस्तों को इस राष्ट्रीय सेमिनार के स्वरूप के बारे में बताया होगा। अनेक प्रतिष्ठित और ‘स्टार’ ब्लॉगर जन को न्यौता भी इन्होंने ही दिया था। मैं तो सिर्फ़ इनका पता जानता था सो सारी बातें इन्हीं को बता देता था।

जब अचानक कार्यक्रम टलने की बात प्रकट हुई तो मुझे सबसे बड़ी कठिनाई यह समाचार फुरसतिया जी को बताने में हुई। अपने से अधिक निराश मैने इन्हें पाया था। करीब दो सप्ताह का उत्साह दो मिनट में ठण्डा पड़ गया था। उधर मेरे बड़े भाई डॉ. अरविन्द मिश्र जी ने मुझे पहले ही आगाह किया था कि जब तक सब प्रकार से बात पक्की न हो जाय और बजट की व्यवस्था सुनिश्चित न हो जाय तबतक हाथ न डलियो। इसलिए जब उन्होंने स्थगन का समाचार सुना था तो थोड़े दुखी तो जरूर हुए लेकिन अपनी भविष्यवाणी के सच होने पर उनके मन में एक स्थितिप्रज्ञ का सन्तोष भाव भी जरूर था।

लेकिन अब तो कहानी बदल गयी है। अब “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेहु...” की पॉलिसी पर चलना है।

अब अनूप जी को अपना पहले का किया श्रम व्यर्थ नहीं लगना चाहिए। कार्यक्रम की रूपरेखा जो हमने तब तय की थी कमोबेश वही रहने वाली है। शीघ्र ही महात्मागांधी अन्तर राष्ट्रीय  हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के अधिकारियों के साथ इलाहाबाद में बैठकर हम कार्यक्रम को अन्तिम रूप देंगे। अतिथियों की सूची भी वहीं तय हो पाएगी, लेकिन हिन्दी ब्लॉगजगत का सच्चा प्रतिनिधित्व कराने का पूरा प्रयास होगा। आदरणीय अनूप जी, अरविन्दजी, ज्ञानदत्तजी, आदि ने सदैव मेरे प्रति जो स्नेह का भाव रखा है उसी की ऊर्जा से मैं यह आयोजन करा पाने का आत्मविश्वास सजो पा रहा हूँ।

हिन्दुस्तानी एकेडेमी द्वारा इस अवसर पर एक महत्वाकांक्षी योजना बनायी गयी है। आप सभी इसमें सक्रिय सहयोग दें। एक अनूठी कृति आकार लेने वाली है। निस्संकोच होकर अपना योगदान सुनिश्चित करें। एकेडेमी के सचिव डॉ.एस.के. पाण्डेय जी ने उस अनुपम प्रकाशन का लोकार्पण २३ अक्टूबर के उद्‌घाटन सत्र में कराने का निश्चय अभी कर लिया है, जबकि प्रकाश्य सामग्री का एक भी शब्द अभी तय नहीं हुआ है। लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि एक जोरदार पुस्तक उस तिथि तक आपके सामने होगी। बस आप अपनी प्रविष्टियाँ तत्काल भेंज दीजिए। कहाँ और कैसे? यह जानने के लिए एकेडेमी के ब्लॉग पृष्ठ पर पधारें।

अस्तु, हे अनूप जी! आगे का जिम्मा आपै सम्हारौ। हम त चलै माता रानी का आशीष बटोरै...  अरविन्द जी यदि चुनाव कराने में नहीं लगाये गये तो बाकी सब काम उनके लिए बहुत सरल हो जाएगा।

वैष्णो देवी धाम से लौटकर जब मैं वापस आऊंगा तो एकेडेमी के मेल-बॉक्स में सैकड़ों प्रविष्टियाँ आ चुकी होंगी। उनको छाँटने-बीनने के बाद संपादक मण्डल किताब को अन्तिम रूप देने में अधिकतम सात दिन लेगा और मुद्रक किताब बनाकर देने में सात दिन और लेगा। बस तबतक ब्लॉगिंग का महाकुम्भ भी आ ही जाएगा। किताब का लोकार्पण भी लगे हाथों हो जाएगा।

अब तो हम यह पोस्ट ठेलकर ट्रेन में बैठ जाएंगे। एक सप्ताह बाद लौटकर जुट जाएंगे इस महामेला की तैयारी में। तबतक अनूप जी अपने तरीके से तैयारी पूरी ही कर डालेंगे। बस मौजा ही मौजा... :)

15 टिप्‍पणियां:

  1. सब एक कुशल और परिपक्व हाँथों में सौंपकर आप गाड़ी में निश्चिंत होकर बैठ सकते हैं ।

    आयोजन का पूर्वाभास प्रत्यक्ष होने लगा है ।

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  2. आयोजन सुनिश्चित होने पर बधाई. सफलता के लिए शुभकामनाएं. और माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए भी मंगलकामनाएं.

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  3. सम्मेलन की सफ़ल हो,यही कामना है।

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  4. सम्‍मेलन में अखरोट बांटना मत भूलिएगा।
    हम तो वहीं पर लेना चाहेंगे।

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  5. आपकी सफलता के लिए शुभकामनाएं. माता वैष्णो देवी की यात्रा मंगलकामनाएं हो ... जय माता दी .......

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  6. नेक प्रतिष्ठित और ‘स्टार’ ब्लॉगर जन को न्यौता भी इन्होंने ही दिया था।

    हाँ हमारे पास आया था फोन :)

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  7. जय माता दी.. भाई माता रानी का प्रसाद जरुर लाना ओर सम्मेलन मै सभी को बांटना, मां शेरो वाली आप की सभी मनोकामना पुरी करे ओर आप कि यात्रा राजी खुशी हो.
    दुर्गा पूजा व विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं
    जय मारा रानी जी की

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  8. जब दिग्गज ब्लागर इस कार्य में लगे हों तो कार्यक्रम सफ़ल होगा ही। माता का आशीर्वाद तो साथ ला ही रहे हो। बहुत बहुत शुभकामनाएं कार्यक्रम की सफ़लता के लिए॥

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  9. छोटे भैया ,न तो मैं स्थितिप्रग्य ही हूँ और न ही कोई वीतरागी -अपने भोगे हुए यथार्थ को ही अपरिहार्य स्थतियों में बांटता हूँ अपने स्वजनों ,परिजनों से ! अगर कोलसला ,वाराणसी विधान सभा के उप चुनाव की घोषणा नहीं हुयी तो तन मन से लगता हूँ इस ब्लॉग महाकुम्भ में !

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  10. छोटे भैया ,न तो मैं स्थितिप्रग्य ही हूँ और न ही कोई वीतरागी -अपने भोगे हुए यथार्थ को ही अपरिहार्य स्थतियों में बांटता हूँ अपने स्वजनों ,परिजनों से ! अगर कोलसला ,वाराणसी विधान सभा के उप चुनाव की घोषणा नहीं हुयी तो तन मन से लगता हूँ इस ब्लॉग महाकुम्भ में !

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  11. अनूप जी जैसे सक्षम व्यक्ति को तो सिर्फ सूचना दे दी है तो आप तो इत्मिनान से दर्शन करके आ जायें.

    शुभकामनाएँ.

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  12. ब्लॉग महाकुम्भ के लिए शुभकामनाएँ!!

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  13. जान कर अच्‍छा लगा कि अब इंतजार की घड़ी खत्‍म हो गई है।

    ब्‍लागरों के जमघट में सबके दर्शन होगें :)

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