मन की उथल-पुथल भारी
क्या जल्दी होगी कम
कब बदलेगा मौसम
क्या सर्द हवा से
राजनीति की गर्मी होगी कम
कब बदलेगा मौसम
कहीं बढ़े उल्लास राम से
कहीं बढ़ रहा ग़म
कब बदलेगा मौसम
गारंटी है एक बांटता
दूजा फोड़े उसपर बम
कब बदलेगा मौसम
अब विपक्ष की प्रत्याशा
इंडिया सके ना जम
कब बदलेगा मौसम
जैसे जैसे यात्रा बढ़ती
जन-रुचि जाती थम
कब बदलेगा मौसम
अब युवराज अधेड़ हुए
क्यों राह अगोरें हम
कब बदलेगा मौसम
भानमती के कुनबे में
नीतीश न पाते रम
कब बदलेगा मौसम
आँखों के आगे अंधेरा
फिर छाए ना मातम
कब बदलेगा मौसम
एक उड़ाये जेट विमान
दूजा हाँके टमटम
कब बदलेगा मौसम
गंगाजल को यह पूजे
और वो आबे-जमजम
कब बदलेगा मौसम
सीएम रहे साल पंद्रह
फिर उतना ही पीएम ?
कब बदलेगा मौसम
मकर राशि में सूरज आकर
सर्दी करे खतम
अब बदलेगा मौसम
नेताजी का अब चुनाव
वोटर दिखलाये दम
अब बदलेगा मौसम
टीवी चैनल लहालोट
ऐंकर करते बमबम
अब बदलेगा मौसम
मकर संक्रांति, 15 जनवरी 2024 :
सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
‘सत्यार्थमित्र’
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कब बदलेगा मौसम
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सोमवार, 1 जनवरी 2024
कैसे नववर्ष मनायें
कैसे नववर्ष मनायें ************* सूर्य छिपा कोहरे के पीछे तनमन ठिठुरा जाए बर्फीली सी सर्द जमीं कैसे नववर्ष मनायें *** चढ़ी रजाई, कंबल दुहरा फिर भी कांपें टांगें रैन बसेरे भरे हुए लकड़ी अलाव की मांगें जब गरीब की खोली कच्ची बच्चे भी अधनंगे बाजारों की चकाचौंध में घूम रहे भिखमंगे बदली है तारीख मगर कुछ नया नजर ना आए बर्फीली सी सर्द जमीं कैसे नववर्ष मनायें *** संवत्सर का परिवर्तन मधुमास लिए आता है पत्ता पत्ता बूटा बूटा हर्षित मुस्काता है ऋतु वसंत से पुलकित धरती सँवर सँवर जाती है नवलय नवगति ताल छंद नव गीत मधुर गाती है सत्य सनातन चैत्र प्रतिपदा को नववर्ष बताए बर्फीली सी सर्द जमीं कैसे नववर्ष मनायें *** पश्चिम की जो हवा चली सब डूबे उसके रस में भौतिकता की भेड़चाल ले जाए इन्हें तमस में केक काटते धुआँ उड़ाते भूले कुमकुम चंदन माता-पिता और गुरुओं का भूल गए अभिनंदन मांस और मदिरा की बोतल घर-घर खुलती जाए बर्फीली सी सर्द जमीं कैसे नववर्ष मनायें ***** सत्यार्थमित्र |