आदरणीय मित्रों,
अठ्ठाइस मई को मेरे बेटे ‘सत्यार्थ’ का मुण्डन होना निश्चित हुआ है। हम सभी सप्ताह भर के लिए गाँव जा रहे हैं। वहाँ जो कुछ होगा उसकी रिपोर्ट तो मैं लौटकर दे पाऊंगा लेकिन वहाँ जो होना सम्भावित है उसे बेटे की जुबान में फिट करके छोड़ा जा रहा हूँ। मुण्डन की तिथि को लाइव कमेण्ट्री मानकर आप पढ़ें और नन्हें सत्यार्थ को आशीष दें। सादर!
कट जाएंगे मेरे बाल...
गर्मी की छुट्टी आई है। दीदी की मस्ती छायी है॥ पर देखो, मैं हूँ बेहाल। कट जाएंगे मेरे बाल॥ | ![Image049 Image049](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgzgGaTsK80EOz-fHDU0A4OCk9CiE_OqF6UUxU2BeIdNtWi99C673IQY6kemtdGVQodGkdOEjwYGha0lWkIPP7XuyTXh6ZrcssMPMuaZgTBeeFml5XZHatXd9nCyrxsG9NyIyd6T1Jd3_4/?imgmax=800) |
![Image011 (2) Image011 (2)](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhyf-ngd0mYH0ISofYR0OCp9qWbC1mkyv-sDxCElpOjrLj7Qu37cRMHEx9gkwJ_PMa9eRGpXCRmyxUp3dKCP99VAtj85rEfE0cfmBrUxSQ4ek69tgRuksuR-mSutAYogyC8cqTDQs4FwQ4/?imgmax=800) | मम्मी कहती फँसते हैं ये। डैडी कहते ‘हँसते हैं’ ये॥ दीदी कहती ‘हैं जंजाल’। कट जाएंगे मेरे बाल॥ |
मुण्डन को है गाँव में जाना। परम्परा से बाल कटाना॥ नाऊ की कैंची बदहाल। कट जाएंगे मेरे बाल॥ | ![Image027 Image027](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjOpYGClH_-nD7kaVW9O3J6QgcFgjY1CMLVh0UWGFkHpzYaqJyYN1frkXMpEI-YCcF6kijo6b8H7dtyk_etHKdrsMCE0MfXkzU6oWmR39VSLB9WBV2y_B1iORFzkVZQ4P1Hz1cF64FGcJQ/?imgmax=800) |
![दीदी की शॉपिंग दीदी की शॉपिंग](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhKywKI5fX04s_jOSRh_AuPG8jCgOo_YoqLnC8wGV9rMkDZEjnS50u3XcPfVVzfm7NST6cjLB835Dq5cqoak1UpjkAX9uh4_CPEw2xtsgTP21J2yTo1QSY_IPwNtNbPURCxfS9rIH4zVh0/?imgmax=800) | गाँव-गीत की लहरी होगी। मौसी-मामी शहरी होंगी॥ ढोल - नगाड़े देंगे ताल। कट जाएंगे मेरे बाल॥ |
दादा – दादी, ताऊ – ताई। चाचा-चाची, बहनें – भाई॥ सभी करेंगे वहाँ धमाल। कट जाएंगे मेरे बाल | ![archives 084 archives 084](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhHGQ08QQgDO4o_hhvoQbf9pVtPHpsYSsme-fkzTZUUbf9ysExwkuTyyWRjkq9ZMd1MakLWHWGdgyEm0pbZAFeKcLKjXuJQ2BzfT33CvjjJd0qpaSt3qFMuLU0FTYX2mw2LLTMVKkUDv-o/?imgmax=800) |
![Image057 Image057](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEilGzWmpN2DpjxOwZM00GVIELZ9YtBA0smmLRmFhb_UfWthLhmC1rs4ABha5Eex5uI6rtf91U6WN_3ajDqzwzndRkqJufRHk2n-CD_RQF3s15CEf-RvdRJy6bvT71Ra6Ao59NaEGgi3mK8/?imgmax=800) | बूआ सब आँचल फैलाए। बैठी होंगी दाएं - बाएं॥ हो जाएंगी मालामाल। कट जाएंगे मेरे बाल॥ |
‘कोट माई’ के दर जाएंगे। कटे बाल को धर आएंगे॥ ‘माँ’ रखती है हमें निहाल। कट जाएंगे मेरे बाल॥ | ![Image015 Image015](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgmU81kyUgLSd9Z7YFS25DIxMaKt-d3Ei-LisB_D7ahQ9NhBymVHrigj_QSJVN2gX7yPT_xrQg3Ng1sUmu89MbRlYEJk-4uaiyqblaeL12c-_uDO_yi7DDqiynVqI7obAjXamdejWnTJ80/?imgmax=800) |
![Image004 Image004](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjJeht452qGFarYtOOMvBM-jCvjCOfoqbGG2ftTfs094L99HU5rTca5cKsnRFMk1ZPAv-RcAH9tax0EZ2aGLpsiDfYeoDdvHvTN184rcjD31zSQ1UCxxTda_TtnOActGnvcKa1w4O9pwH4/?imgmax=800) | हल्दी, चन्दन, अक्षत, दही। पूजा की थाली खिल रही॥ चमक उठेगा मेरा भाल। कट जाएंगे मेरे बाल॥ |
मम्मी रोज करें बाजार। गहने, कपड़े औ’ श्रृंगार॥ बटुआ ढीला - डैडी ‘लाल’। कट जाएंगे मेरे बाल॥ | ![Image080 Image080](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgjAK8L4zEjsc9SY44BJJ6BB6Y2bXCIlQimzDBVnfARNJyL95a_NJIMP4fiKc8472WqBojDWoQjJKgHBaDvBDFpcVfXMqTOVjUhNF-1DUxA9PuVz-Vexn5VeP154alhW18lHrf4drbxriA/?imgmax=800) |
| अब तो होगी मेरी मौज। नये खिलौनों की है फौज॥ मुण्डन होगा बड़ा कमाल। कट जाएंगे मेरे बाल॥ |
सभी अंकल्स और आण्टियों को सादर प्रणाम! भैया-दीदी को नमस्ते
-सत्यार्थ
[कोट माई: गाँव की अधिष्ठात्री देवी जिनके पीठ-स्थल पर जाकर माथा टेकना सभी ग्रामवासियों की श्रद्धा का विषय है।]
प्रस्तुति- सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
सच्ची कहूँ आनन्द आ गया। नन्हें सत्यार्थ को ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद।
जवाब देंहटाएंप्रथम केश कर्तन कभी कभी बहुत हृदय विदारक होता है। मुझे अभी भी याद है मैंने बहुत तमाशा किया था, रोया चिल्लाया था और हजाम को दाँत से काट लिया था। एक ही प्रश्न बार बार दुहरा रहा था, "ललका फितवा अब केमें बन्हाई?"।
बाल कविता अच्छी बन पड़ी है। तुमने अपने अन्दर के शिशु को भरपूर अभिव्यक्ति दी है।
सत्यार्थ की विभिन्न भंगिमाओं के तो क्या कहने !
जवाब देंहटाएंसत्यार्थ के मुंडन के बहाने अच्छी बाल-कविताई । सत्यार्थ को प्रेम । और कटे बाल वाले सत्यार्थ के चित्र देखने की अभिलाषा ।
जवाब देंहटाएंवाह कितनी खूबसूरत और चित्रमय बाल ( लीला ) कविता -अब तो बाल कर्तन कविता की प्रतीक्षा -भावों की इतनी मनोहारी अभिव्यक्ति हुई है की चाईल्ड इज द फादर आफ मैन जुमले की सहसा याद हो आयी !
जवाब देंहटाएंसत्यार्थ को अकूत स्नेहाशीष !
धांसू च फ़ांसू। खासकर ये वाली लाइनें:
जवाब देंहटाएंमम्मी रोज करें बाजार।
गहने, कपड़े औ’ श्रृंगार॥
बटुआ ढीला - डैडी ‘लाल’।
कट जाएंगे मेरे बाल॥अब एक बिटिया ही बची है ब्लागर बनने को आपके ब्लागर बनने को। लौट के उसको भी लाओ इस मैदान में। शुभकामनायें।
मुंडन की सारी औपचारिकताओं को काव्यरूप में आपने बखूबी उतारा है ,बालमन के सुंदर अभिब्यक्ति को मुखरित करनें के लिए आपको बधाई और प्रिय सत्यार्थ को अनेकानेक शुभकामनायें और आशीर्वाद.
जवाब देंहटाएंSatyaarth ko MUNDAN ke liye Pyar, aap sabhi ko Shubhkamnayein.
जवाब देंहटाएंसत्यार्थ को ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद और मुंडन की शुभकामनाऐं..बाल कटने के बाद की तस्वीर दिखाना मत भूलना!!
जवाब देंहटाएंmajaa aa gaya. dher sara ashirvad.
जवाब देंहटाएंआर्शीवाद ! रिपोर्टिंग पर आते हैं फिर ! अच्छी बाल कविता बन पड़ी है.
जवाब देंहटाएंमुंडन की बहुत बहुत शुभकामनाऐं. ओर जल्दी से इस गंजे की फ़ोटो भी दिखाये, बेटे को बहुत बहुत प्यार
जवाब देंहटाएंअब तक कट चुके या बचे हैं?
जवाब देंहटाएंखैर बड़ी जल्दी बढ़ आयेंगे।
शुभकामनायें।
ये तो विधि का विधान है, जन्म के बाल तो जाने ही है तभी तो नये बाल आयेगे।
जवाब देंहटाएंसत्यार्थ को बहुत बहुत शुभकामानाएँ, गांव की पोस्ट का भी इंतजार है।
मुंडन के लिए बधाई, सत्यार्थ। पर ज़रा बचके रहना बच्चू....कभी-कभी सर मूण्डते ही ओले पड़ जाते हैं..टोपी तो है ना:)
जवाब देंहटाएंबहुत कमाल की 'बाल-कविता'. ऊपर से सत्यार्थ के सारे फोटो तो गजब हैं. सत्यार्थ को आर्शीवाद. मुंडन के बाद के फोटो और तस्वीरों का इंतजार रहेगा.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर . सत्यार्थ के मन की झलक .
जवाब देंहटाएंमुन्डन एक ग्यन भी दे जायेगा उसे . ’बाल’ फ़िर बढ जाते हैं .
’ सत्यार्थ को सुभ आशीश ’
उसे नये कलेवर मे देखने की उत्सुकता तो है ही .
Satyaarth ko MUNDAN ke liye Pyar, aap sabhi ko Shubhkamnayein.
जवाब देंहटाएंभई आनंद आ गया। चित्रमय बालगीत।
जवाब देंहटाएंदिदिया के साथ दुल्हनिया वाली तस्वीर में लल्ला की शरारती हंसी ने लुभा लिया।
बेहतरीन आत्मीय पोस्ट ....
kotwa mai jayinge,sab mil baal katayinge,puja hoge dawat hoge, din bher muoj manaige-
जवाब देंहटाएंbabu ki foto aur shamik geet kya kahne-dr. arun ku.tripathi
,sushma tripathi.deoria dher saari badhaee
नन्हे सत्यार्थ को ढेर सारा प्यार और आशिर्बाद.
जवाब देंहटाएंकेश कर्तन ... और बाल कविता.
बहुत अच्छा लगा.
Bada kasht ka kaam hai yeh Satyarth. Utsah banaye rakhna aur apni nai photo jarur dikhlana.
जवाब देंहटाएंSatyarth Blog ke asali malik ko
जवाब देंहटाएंmeraa pyaar sneh kahiye ho sake to takaloo pe meree or se haath ferana mat bhooliye ji
पहली बार मुंडन की इस प्रक्रिया की जानकारी काव्य रूप में मिली ...शुक्रिया .....
जवाब देंहटाएंआपके ब्लाग के विजेट पर कोई दिक्कत नही है, सब कुछ तो ठीक है, बस कुछ नया लिखने के
जवाब देंहटाएंआपका कमेन्ट पढ़ कर पता लगा की आप लौट आये हैं
जवाब देंहटाएंजल्दीसे एक पोस्ट लगाइए
वीनस केसरी
बात को आगे भी बढाएं।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
आनंद दायक पोस्ट है। पढ़ने से छूट गया था।
जवाब देंहटाएं