आज की पोस्ट अनूप शुक्ल जी द्वारा कार्यशाला में उपस्थित नये ब्लॉगोत्सुक श्रोताओं के समक्ष बाँटे गये उनके अनुभव की रिपोर्ट के रूप में आनी थी। लेकिन अखबारों की स्कैनिंग का काम ‘समय से’ (?) पूरा हो जाने के कारण इनका नम्बर पहले लग गया। इस धारणा के साथ कि अखबारी खबरों को बासी होते देर नहीं लगती, मैं इसे यथा सम्भव जल्दी पेश कर रहा हूँ।
अनूप जी वाला पाठ अगली पोस्ट में शीघ्र ही...
राष्ट्रीय सेमिनार-कार्यशाला के आयोजन की सूचना सभी स्थानीय अखबारों में प्रकाशित हुई। एक झलक आपके लिए: I-Next (जागरण समूह) ४ मई,२००९, इलाहाबाद |
अमर उजाला, हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण: ७ मई,२००९ इलाहाबाद |
आठ मई को कार्यक्रम में शहर के प्रायः सभी प्रतिष्ठित सम्वाददाता स्वयं उपस्थित रहकर ब्लॉगिंग की बातें सुनते रहे और अगले दिन सचित्र समाचार प्रकाशित किए। कुछ ने तो अपना ब्लॉग भी शुरू किया।
अमर उजाला, इलाहाबाद ९ मई, २००९ |
I-Next, ९ मई, २००९ |
हिन्दुस्तान ९ मई, २००९, इलाहाबाद |
हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि अन्तर्जाल की दुनिया पर हम संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए चाहे जितना तेज काम कर लें, लेकिन व्यावहारिक धरातल पर किसी आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रिन्ट मीडिया का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। इसपर विशेष ध्यान देते हुए हमने पत्रकार मित्रों को सादर आमन्त्रित किया था।
इस कार्यक्रम की अच्छी कवरेज से इन्टरनेट से दूर रहने वाले लोग भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हो सके। इस सहयोग के लिए हम उनके प्रति हृदय से आभारी हैं।
(सिद्धार्थ)
बहुत अच्छी कवरेज दी है समाचार पत्रों ने । चर्चा हो रही है ब्लॉगिंग की हर तरफ ।
जवाब देंहटाएंमीडिया महान है। मजे आ गये फ़ोटॊ देखकर! ऐसा लग रहा है कि हमारे अलावा और कोई था नहीं ब्लागर वक्ताओं में। ये होता है पहले बोलने का फ़ायदा। :)
जवाब देंहटाएंमीडिया के लिए यह पक्ष अभी नया है ,भविष्य की असीम संभावनाओं को देखते हुए मीडिया इस क्षेत्र में नवाचार जानने को उत्सुक है .अच्छा है इसी तरह तो ब्लॉग जगत को पंख लगेंगे .
जवाब देंहटाएंअनूप जी अखबार में ज्यादा सुन्दर दिखते हैं... :)
जवाब देंहटाएंबढ़िया रहा कि कहबर उर बासी अखबार और बसी होने के पहले परोस दिया...अब खिड़की खोलिये और ताजी हवा आने दिजिये!!
बहुत अच्छी कवरेज दी है समाचार पत्रों ने .. ब्लागिंग जगत के लिए यह भी एक खुशखबरी है।
जवाब देंहटाएंप्रयाग को ब्लॉग मानचित्र पर अग्रणी बनाने का यह भगीरथ प्रयत्न पूर्णत: सफल रहा है. समाचारपत्रों की सुर्खियाँ और खबरें इसकी पुष्टि करती हैं. हिन्दी के इस बृहत अनुष्ठान के सभी आयोजकों को धन्यवाद और बधाई.
जवाब देंहटाएंसिद्धार्थ,इतनी अच्छी कवरेज के लिए सहस्रों साधुवाद.
चलिए इस आयोजन से बहुत सी नई जानकारियाँ भी मिलीं। यथा-
जवाब देंहटाएं1) देश का पहला हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन इलाहाबाद में हुआ।
2) हिन्दी का पहला ब्लॉग 1977 में ही लिखा गया था। यानी हिन्दी में ब्लॉगिंग की शुरूआत अंग्रेज़ी से भी पहले हुई। बधाइयाँ।
3) हिन्दी में रोज़ाना 6000 से अधिक ब्लॉग लिखे जा रहे हैं।
जो लोग हिन्दी ब्लॉगिंग पर शोध कर रहे हों, उनके लिए ये आँकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं।
असली मक्खन बीचों बीच। यानि कोर कहां है। क्या वार्ता हुई। हमें क्या सीखने को मिलेगा। कुछ तो बताएं सिद्धार्थ जी।
जवाब देंहटाएंभाई, समाचार पत्रों की जानकारी बांटने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लागिंग के लिए यह एक बहुत अच्छी बात है ..अच्छा लगा इतने अखबार में यह खबर देख कर शुक्रिया इस जानकारी को यहाँ देने के लिए
जवाब देंहटाएंशैलेश जी ध्यानाकर्षण के लिए शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंयह है प्रिंट मीडिया की गैर जिम्मेदारी -ऐसी गलतियां ब्लागजगत में नहीं मिलेगीं !
सब अशुद्धियाँ हैं ! कृपया सुधार कर पढें - यथा-
1) उत्तर प्रदेश की पहली हिन्दी ब्लॉगर कार्यशाला इलाहाबाद में दिनांक ८ मई २००९ को प्रयाग विश्वविद्यालय के निराला सभागार में सम्पन्न हुयी !
2) पहला ब्लॉग 1997 में ही लिखा गया था। हिन्दी में ब्लॉगिंग की शुरूआत २००४ में हुयी !
3) हिन्दी में 6000 से ऊपर हैं।
और हाँ इसे भी यूं पढें -दुनिया में प्रति १० सेकेण्ड पर एक नया ब्लॉग बन जा रहा है !
समीर जी तारीफ़ कर रहे है या.....? :)
जवाब देंहटाएंवैसे आयोजन सफल रहा इसके लिए बधाई.. और सुचना एवं प्रसार के तो सारे ही माध्यम बढ़िया है..
शैलेश जी ने कुछ बातो पर ध्यानार्षण किया जिसके फलस्वरूण की संशोधन श्री अरविन्द मिश्र जी ले कर आये है। उस पर प्रकाश डालना चाहूँगा, मुझे जानकारी नही है कि उत्तर प्रदेश की पहला ब्लागर सम्मेलन कब हुआ किन्तु इलाहाबाद के प्रथम आयोजन के बारे में जरूर बताना चाहूँगा। वैसे तो इलाहाबाद में एक-दो चिट्ठकारों का मिलन का सिलसिला 2006 से जा रहा है किन्तु बृहद आयोजन का आयोजन 10 जुलाई 2007 को हुआ था, जिसमें करीब दर्जन श्रोता व ब्लागर सहित मै स्वयं उपस्थित था। इलाहाबाद की प्रथम सम्मेलन प्रमाण पोस्ट हिन्द युग्म के पोस्ट इलाहाबाद में हुई ब्लॉगिंग पर चर्चा पर आसानी से देखा जा सकता है। हिन्द युग्म-महाशक्ति के इस मीट से करीब 5-6 महीने पहले महाशक्ति से मै, मुम्बई ब्लाग से शशि सिंह जी व लोकमंच से अमिताभ जी फरवरी 2007 में मिल चुके थे। यह मीट महाशक्ति ब्लाग पर इलाहाबाद की पहली ब्लागर भेंटवार्ता - महाशक्ति- हिन्दयुग्म नही थी के नाम से दर्ज है।
जवाब देंहटाएंजैसा कि श्री मिश्र ने कहा कि प्रिंट मीडिया की गैर जिम्मेदारी है वो तो है ही, किन्तु यहाँ यह जान पड़ता है कि जैसी न्यूज जारी की गई होगी वैसी छापी गई है। इलाहाबादी मीडिया के पटल पर हिन्दी ब्लाग को लाने व अच्छी कवरेज प्राप्त करने की बधाई स्वीकार करें।
अब तो और आंकड़े भी जुटाने होंगे कि
जवाब देंहटाएंकितने समाचार पत्र और पत्रिकाएं
ब्लॉगिंग पर स्तंभ प्रकाशित कर रहे हैं
इन्हें ब्लॉगर्स समूह या प्रमुख समूह ब्लॉग
की
ओर से सम्मानित किए जाने की
शुरूआत की जानी चाहिए।
वाह ! बधाई !
जवाब देंहटाएंछपने में ऐसी गलतियाँ करना तो मीडिया का धर्म है :-)
प्रिंट मीडिया का साथ तो अभी भी प्रासंगिक बना हुया है क्योंकि उसकी पैठ जन-जन तक है।
जवाब देंहटाएंपूरी रिपोर्ट का तो हमें भी इंतज़ार है।
अमॉं यार रात (या सुबह जो कहो) को पौने पाँच बजे पोस्ट करते हो, सोते कब हो?
जवाब देंहटाएंऐसी भी क्या दीवानग़ी?
बढ़िया पोस्ट, बढ़िया कवरेज। आकड़े महत्त्वपूर्ण हैं और अगर और विस्तार से बताया जाए कि इन दिग्गज महान ब्लोगरों ने क्या ज्ञान बांटा तो बड़ी कृपा होगी।
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