सत्यार्थ अपने जन्मदिन पर पोज देते हुए
दोनो भाई बहन स्टुडियो पहुँचे। घरेलू कैमरा और मोबाइल का क्या काम?
घरमें बच्चों की मासूम शरारत तो ऑफिस में बुजुर्ग पेंशनर्स की अलग-अलग तस्वीरें। कोई बहुत खुश तो कोई थोड़ा कम। किसी-किसी को उठाकर लाना पड़ा तो कोई पच्चानबे साल पर भी खुद ही खटखटाता हाजिर। इन्हें देखकर मैने जो ग़ज़ल की आजमाइश ‘सत्यार्थमित्र’ पर की थी उसे ‘अमर उजाला’ ने न्यूज आइटम बना दिया। फिर तो मुझे उसकी ढेरों प्रतिलिपियाँ बाँटनी पड़ी।

बड़ा और स्पष्ट देखने के लिए चित्रों पर चटका लागाइए...।


नीचे की तस्वीर में दोनो पेंशनर हैं, और पिता-पुत्र हैं। सरकारी अभिलेखों में इनके बीच केवल १३ साल का अन्तर है। कारण पूछने पर मुस्करा कर टाल जाते हैं। अंग्रेजी राज की बात थी। कभी किसी ने टोका नहीं।

चलते चलते एक नजारा आदमी के साथ प्रकृति के खेल पर। शेषन साहब कहा करते थे कि भगवान ने कुछ सिरों को देखने लायक बहुत सुन्दर और सुडौल बनाया है। बाकी को बालों से ढक दिया...। यहाँ दोनो छटाएं माघ-मेला की तैयारी बैठक में मेरे मोबाइल कैमरे ने कैद की। बस आपके लिए...



(सिद्धार्थ)
ReplyDeleteउपाध्याय पिता-पुत्र की जोड़ी तो जिजीविषा की ग़ज़ब प्रेरणा देती है,..
क्या इन पर कोई पोस्ट तो नहीं लिखी, जो मेरी निग़ाहों में न आयी हो..
या मैं ही पढ़ने से वंचित रह गया.. पता नहीं ?
बहुत बढ़िया घर-बाहर की फोटो पोस्ट!
ReplyDeleteबहुत सुंदर लगी यह चित्रावली, सब से सुंदर लगी (सरकारी अभिलेखों में इनके बीच केवल १३ साल का अन्तर )इन दो पिता पुत्र की जोडी, मजा आ गया,
ReplyDeleteधन्यवाद
घर परिवार की खुशियों के साथ प्रकृति के विरोधाभासों और 'अ'सरकारी दफ्तरों के माहौल का अच्छा चित्रण.
ReplyDeleteहमें भी यह १३ साल की उम्र में पिता बनने का परमवीर कारनामा थोड़ा इल्लोजिकल लगता है. क्या हुआ, उन्हें पेंशन मिली या नहीं?
मासूम तस्वीरों के बाद कंट्रास्ट वाली तस्वीर अच्छी लगी. ख़बर बनने के लिए बधाई !
ReplyDelete१३ साल के अन्तर को भी न्यूज़ बनाना चाहिए, लोग खूब पढेंगे :-)
क्या आयडियल आयडिया है!
ReplyDeleteTaajgi de gaya yeh chitron ka guldasta.
ReplyDeletescintific dristi se dekhe to upadhayay ji logo ke age ko lekar unpar shak ki suiyan ghumti hain lekin dekhne me to......? aur niche wala photograph....sukha aur badh ek sath.
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