कम्प्यूटर के युग में पैदा होने वाले बच्चों को शायद यह अजूबा लगे; लेकिन किसी विशाल पुस्तकालय की लाखों पुस्तकों को उनकी विषय-वस्तु के क्रम में सुव्यवस्थित करने, उसी के अनुसार भौतिक रूप से उन्हें क्रमबद्ध करके रखने और मांगे जाने पर बिलकुल सटीक स्थान पर जाकर किताब निकाल लाने के लिए सन् १८७६ में मेल्विल डेवी (१८५१-१९३१) ने एक शानदार पद्धति विकसित कर ली थी। इसमें बिना किसी कम्प्यूटर की मदद लिए प्रत्येक पुस्तक को एक विशिष्ट पहचान संख्या (unique code number) से पहचाना जाता है, जो उस पुस्तक के बारे में बहुत सा परिचय अपने भीतर छिपाए रखती है।
डीडीसी पद्धति [The Dewey Decimal Classification (DDC)], जिसे Dewey Decimal System भी कहते हैं, में यद्यपि आवश्यकतानुसार समय-समय पर इसका परिमार्जन और प्रसार भी होता रहा है तथा २००४ तक इसमें करीब बाइस बड़े बदलाव किये जा चुके हैं; फिरभी मूल सिद्धान्त यह है कि ज्ञान के समस्त विषयों को १० प्रमुख वर्गों या श्रेणियों (catagories) में बाँटा गया है; फिर इन सभी श्रेणियों को १०-१० उप-श्रेणियों (sub-catagories) में विभक्त किया गया। इस प्रकार प्राप्त १०० उपश्रेणियों का विभाजन १०-१० खण्डों (sections) में करके कुल १००० खण्ड बनाये गये हैं। दुनिया की कोई भी पुस्तक इनमें से किसी एक खण्ड में अवश्य रखी जा सकती है। विद्वानों ने इसके आगे जाकर प्रत्येक खण्ड में दशमलव अंकों का प्रयोग करके विशिष्ट विषय सामग्री का अति सूक्ष्मता से विभाजन भी किया है।
यहाँ मैं केवल उन १० प्रमुख श्रेणियों का उल्लेख कर रहा हूँ जो विषय विभाजन के सर्वोच्च सोपान पर हैं
(००० – ०९९) ......कम्प्यूटर विज्ञान, सूचना, और अन्य सामान्य विषय
(१०० – १९९) ......दर्शन व मनोविज्ञान
(२०० – २९९) ......धर्म
(३०० - ३९९) ......सामाजिक विज्ञान
(४०० – ४९९) ......भाषा, भाषा विज्ञान
(५०० – ५९९) ......शुद्ध विज्ञान
(६०० – ६९९ )......प्रौद्यौगिकी (अनुप्रयुक्त विज्ञान)
(७०० - ७९९) ......कला व मनोरंजन
(८०० – ८९९ )......साहित्य, (उदात्त साहित्य)
(९०० – ९९९) ......सामान्य भुगोल, इतिहास और जीवन वृत्त
मैने उस पुस्तकालय में इस पद्धति का प्रयोग देखा तो पहले कुछ समझ में नहीं आया; लेकिन अब जान गया हूँ कि कल १०० और २०० नम्बर वाली आलमारी की चर्चा खुसर-फुसर में क्यों थी। ...मैं अगली कड़ी में किताबों की बात-चीत वापस लाऊंगा। जिसमें वे मेरे पीछे ही पड़ गयीं थीं।
(सिद्धार्थ)
सही है लिखते रहिये।
जवाब देंहटाएंफिक्शन किसमें आता है, ८१३ में?
जवाब देंहटाएंहमारे दफ्तर की सभी फाइलें तब ८१३ में आयेंगी! :-)
आंकडे ओर गणित दोनों में फिस्सडी है भाई...
जवाब देंहटाएंनई जानकारी... लाइब्रेरी साइंस वाले ये सब पढ़ते होंगे?
जवाब देंहटाएंहम तो बस आईएसबीएन ही जानते थे.
DDC के बारे में जानना बड़ा ही रोचक रहा. इसी तरह जानकारियाँ देते रहिये.
जवाब देंहटाएंक्यू वाली पोस्ट भी पढ़ ली-आपकी रोचक शैली से इम्प्रेस भी हो लिए और आगे के पाठों का इन्तजार भी करने लगे. :)