माँ-बाप के दिए संस्कारों के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में परास्नातक की शिक्षा पूरी होते-होते सरकारी नौकरी मिल गयी। ईश्वर की कृपा और बुजुर्गों के आशीर्वाद से जीवन में ‘कठिन संघर्ष’ जैसा कुछ महसूस नहीं हुआ। बस ईमानदारी और अनुशासन से अपना काम करते रहने की आदत से मन संतुष्ट रहता है। लेकिन कभी-कभी यह शेर हॉन्ट करता है -
“जिन्दगी में ज़ौक क्या कारे-नुमाया कर गये
बीए किया नौकर हुए पेंशन मिली और मर गये”
एक अलग सोच से यात्रा की जरूरत
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मोर्गन हाउसेल ने अपनी किताब The Art of Spending Money में एक प्रसंग लिखा है
— फ्रेंच लेखक मार्सेल प्राउस्ट (1871-1922) ने एक युवक को; जो अपनी विपन्नता
से द...
किताब मिली -शुक्रिया -23
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हमारी आंख में खद्दर के ख़्वाब बिकते थे
तुम आए और यहां बोस्की के थान खुले
ये कौन भूल गया उन लबों का ख़ाका
यहां ये कौन छोड़ गया गुड़ के मर्दबान खुले
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ब...
फर्जी बाबा का कॉलेज और डिप्लोमेटिक नंबर वाली गाड़ी
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ये स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती डिप्लोमेटिक नम्बर की गाड़ी लेकर दिल्ली में कब
से चल रहा था?
उस दिल्ली में जहाँ केंद्र और राज्य दोनों की सरकारें हैं। कई ठो स...
गाह-2 : जब डुबकी ही शुभारम्भ कहलाती थी
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*संकल्प और शुरुआत का एक नाम: आग़ाज*
*संकल्प और इच्छाशक्ति की दूरगामी सोच*‘आरम्भ’ और ‘प्रारम्भ’ जैसे शब्द किसी
कार्य के अनुष्ठान की सूचना देते हैं, तो ‘श...
महिला दिवस पर आत्ममुग्ध
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इस बार का महिला दिवस तो मेरे लिए बे-रौनक ही होने वाला था। बच्चों की परीक्षा
का समय और श्रीमान जी की परदेसी नौकरी। मैं तो बस सोशल मीडिया और फोन के सहारे
घ...
बाग में टपके आम बीनने का मजा
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मेरे मित्र प्रोफेसर Sandeep Gupta पिछले दिनों अपने बाग के आम लेकर आए थे।
उनके साथ मैं पहले बाग देखकर आया था लेकिन तब आम कच्चे थे। बरौली से 2
किलोमीटर पहल...
रेडियो भूली बिसरी स्मृतियां
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ये आकाशवाणी है..........।
रेडियो पर ये उद्घोषणा सुनते ही एक अजब अनुभूति का आभास होता है। जैसे आकाश
से वाणी सुनाई दे रही हो। आकाशवाणी से ये शब्द सुनत...
डॉल्बी विजन देखा क्या?
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इससे पहले, अपने पिछले आलेख में मैंने आपसे पूछा था – डॉल्बी एटमॉस सुना क्या?
यदि आपने नहीं सुना, तो जरूर सुनें.
अब इससे आगे की बात –
डॉल्बी विजन देखा क...
सज्जन-मन
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सब सहसा एकान्त लग रहा,
ठहरा रुद्ध नितान्त लग रहा,
बने हुये आकार ढह रहे,
सिमटा सब कुछ शान्त लग रहा।
मन का चिन्तन नहीं व्यग्रवत,
शुष्क हुआ सब, अग्नि त...
thinking of my father ऐसे ही
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नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय नमश्शिवाय
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पिताजी स्नान करते हुये जिन स्तोत्रों को गाते थे, ज्ञात नहीं कि ऐसा करना
शास्त्रसम्मत है भी या न...
कथा "मीराँबाई पर विशेष"
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कभी-कभी कुछ चीज़े विशेष होती हैं, और आपसे लिखवाकर ही दम लेती हैं, ज़िक्र होना
भी चाहिए, किसी भी रचना को लिखने के बाद, या पुस्तक के प्रकाशन के बाद उस पर
प...
तुम्हारे लिए
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मैं उसकी हंसी से ज्यादा उसके गाल पर पड़े डिम्पल को पसंद करता हूँ । हर सुबह
थोड़े वक्फे मैं वहां ठहरना चाहता हूँ । हंसी उसे फबती है जैसे व्हाइट रंग ।
हाँ व्...
कल्पना...!
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छत पर सूखते कपड़ों से रह-रह कर टपक रहे पानी के छीटों से परेशान चींटी कभी
दायें ओर मुड़ती-कभी बायें ओर। एकाध बार ठहर भी गई लेकिन छींटे थे कि फिर से
आगे ज...
कृष्ण अस्त्र
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कुमुद कौमुदी गदा देवी,
सहस्रार चक्र सु-दर्शन,
वनमृग शृङ्ग शार्ङ्ग चाप,
पाञ्चजन्य पञ्चजन आह्वान -
मैं जीवन में एक बार
केवल एक बार
हुआ स्तब्ध !
कुरु सखी पा...
रिश्ते...
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ब्लाॅग लिखने से बढ़िया कुछ नहीं...:-) :-) _______________________________
वक़्त की साज़िश से, रिश्ते पनप तो जाते हैं, मगर उनको कहानी बनते, देर नहीं
लगती .....
परेशाँ रात सारी है ...... क़तील शिफाई
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* परेशाँ रात सारी है सितारों तुम तो सो जाओहमें ये रात भारी है सितारों तुम
तो सो जाओ तुम्हें क्या आज भी कोई अगर मिलने नहीं आयाये बाज़ी हमने हारी है
स...
Demonetization and Mobile Banking
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*स्मार्टफोन के बिना भी मोबाईल बैंकिंग संभव...*
प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपनी मन की बात में युवाओं से आग्रह किया है कि हमें
कैशलेस सोसायटी की तरफ बढ़ना है औ...
मछली का नाम मार्गरेटा..!!
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मछली का नाम मार्गरेटा..
यूँ तो मछली का नाम गुडिया पिंकी विमली शब्बो कुछ भी हो सकता था लेकिन मालकिन
को मार्गरेटा नाम बहुत पसंद था.. मालकिन मुझे अलबत्ता झल...
PARYAAWARAN
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पर्यावरण - मुसीबत के बोल ?पिछले दिनों रिज़र्वेशन नहीं मिला. अतः वीडियो
कोच बस से लम्बी यात्रा करनी पड़ी . इंदौर से मुंबई की यात्रा के दौरान एक
फिल्म देखने का...
दैवीय आपदा.......
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देवताओं के दाढ़ी और मूँछें नहीं होती थीं ।
वे हमसे ताकतवर थे ।
उनको युद्ध में हराना मुश्किल था लेकिन असंभव नहीं । रावण के डर से वे थरथर
काँपते थे ।
......
तेरी याद में -सतीश सक्सेना
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*हम जी न सकेंगे दुनियां में *
*माँ जन्मे कोख तुम्हारी से *
*जो दूध पिलाया बचपन में ,*
*यह शक्ति उसी से पायी है *
*जबसे तेरा आँचल छूटा,**हम हँसना अम्मा भूल ...
अदम जी मुझे लौकी नाथ कहते थे
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जयपुर में अदम जी मंच संचालन कर रहे थे। मुझे कविता पढ़ने बुलाने के पहले एक
किस्सा सुनाया। किसी नगर में एक बड़े ज्ञानी महात्मा थे। उनका एक शिष्य था नाम
था...
काव्य संग्रह- केदार सम्मान के कवि
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हिंदुस्तानी एकेडेमी की अनुपम भेंट
*‘केदार शोध पीठ न्यास’* द्वारा प्रतिवर्ष समकालीन हिंदी कवियों में से ऐसे
कवि को चयनित कर केदार सम्मान प्रदान किया जाता ह...
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BHOPAL TRAGEDY
The main issue in revived Bhopal Tragedy is somewhat muffled. Arjun singh
was made scape goat as everybody knew that he will not let down ...
मानव सभ्यता को भारत का योगदान: कुछ रोचक तथ्य
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भारत से सम्बन्धित कुछ रोचक तथ्य एक जर्मन पत्रिका में प्रकाशित हुए थे
जिन्हें अंग्रेजी साप्ताहिक ‘ऑर्गनाइजर’ ने मई २००७ में रिपोर्ट किया था। हाल
ही में...
मेरी पहली पोस्ट: वरिष्ठ चिठेरों के नाम...
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मेरे मन में हमेशा कुछ अनूठा करने की चाह रही है। *ताजा हवाएँ* की नीव ही डाली
थी मैने कुछ ताजगी पैदा करने के लिए। लेकिन राह आसान नहीं थी। अयोध्यावासी
जमुना...
उद्देशिका
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जीवन को देखकर अबतक जो समझा है उसे लिपिबद्ध करने का एक माध्यम प्राप्त हुआ
है। विचारों की सर्वसमीक्षा के उपरान्त प्राप्त निष्कर्ष प्रायः सत्य के करीब
होते है...
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