माँ-बाप के दिए संस्कारों के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में परास्नातक की शिक्षा पूरी होते-होते सरकारी नौकरी मिल गयी। ईश्वर की कृपा और बुजुर्गों के आशीर्वाद से जीवन में ‘कठिन संघर्ष’ जैसा कुछ महसूस नहीं हुआ। बस ईमानदारी और अनुशासन से अपना काम करते रहने की आदत से मन संतुष्ट रहता है। लेकिन कभी-कभी यह शेर हॉन्ट करता है -
“जिन्दगी में ज़ौक क्या कारे-नुमाया कर गये
बीए किया नौकर हुए पेंशन मिली और मर गये”
संयोग और गंगा मइया का बुलावा क्या होता है?
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हर्ष वर्धन त्रिपाठी Harsh Vardhan Tripathi
#PrayagrajMahaKumbhMela2025 में हमारा चौथी बार प्रयागराज जाने का संयोग बना।
इस बार #KultureKumbh2025 में दो स...
वीआईपी कल्चर
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<<< वीआईपी कल्चर >>> वे देश जहां सत्ता के विशेषाधिकार ज्यादा हैं, वहां
वीआईपी कल्चर फलती फूलती है। ये तानाशाही वाले देश हैं। ये योरोपीय देशों की
कॉलोनी हैं...
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*व्यंग्य संग्रह ‘अंधे पीसें...**’*
Andhe Pisen... : अंधे पीसें... मुखपृष्ठ
*मेरे लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि मेरा तीसरा व्यंग्य संग्रह ‘अंधे
पीसे...
किताब मिली - शुक्रिया - 22
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दुखों से दाँत -काटी दोस्ती जब से हुई मेरी
ख़ुशी आए न आए जिंदगी खुशियां मनाती है
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किसी की ऊंचे उठने में कई पाबंदियां हैं
किसी के नीचे गिरने की कोई भी हद ...
Deads Rise - Review
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A Zombie Thriller!
Arvind Mishra
It's a new arrival written by Shawn Whitney. Who is an award-winning
screenwriter with three feature film credits an...
बाग में टपके आम बीनने का मजा
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मेरे मित्र प्रोफेसर Sandeep Gupta पिछले दिनों अपने बाग के आम लेकर आए थे।
उनके साथ मैं पहले बाग देखकर आया था लेकिन तब आम कच्चे थे। बरौली से 2
किलोमीटर पहल...
परीक्षा-काल
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एक जमाना बीत गया स्कूल कॉलेज छूटे हुए परन्तु जब भी यह मौसम आता है, अचानक
अपने इम्तिहान के दिनों की याद आने लगती है। मानों अब भी किसी परीक्षा की
आधी-अधूर...
रेडियो भूली बिसरी स्मृतियां
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ये आकाशवाणी है..........।
रेडियो पर ये उद्घोषणा सुनते ही एक अजब अनुभूति का आभास होता है। जैसे आकाश
से वाणी सुनाई दे रही हो। आकाशवाणी से ये शब्द सुनत...
डॉल्बी विजन देखा क्या?
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इससे पहले, अपने पिछले आलेख में मैंने आपसे पूछा था – डॉल्बी एटमॉस सुना क्या?
यदि आपने नहीं सुना, तो जरूर सुनें.
अब इससे आगे की बात –
डॉल्बी विजन देखा क...
सज्जन-मन
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सब सहसा एकान्त लग रहा,
ठहरा रुद्ध नितान्त लग रहा,
बने हुये आकार ढह रहे,
सिमटा सब कुछ शान्त लग रहा।
मन का चिन्तन नहीं व्यग्रवत,
शुष्क हुआ सब, अग्नि त...
thinking of my father ऐसे ही
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नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय नमश्शिवाय
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पिताजी स्नान करते हुये जिन स्तोत्रों को गाते थे, ज्ञात नहीं कि ऐसा करना
शास्त्रसम्मत है भी या न...
Bayes Theorem and its actual effect on our lives
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मित्रों आज बेज़ थियरम पर बात करुँगी। बहुत ही महत्वपूर्ण बात है - गणित
के शब्द से परेशान न हों - पूरा पढ़े, गुनें, और समझें। हम सभी ने बचपन में
प्रोबेबिलिटी ...
कथा "मीराँबाई पर विशेष"
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कभी-कभी कुछ चीज़े विशेष होती हैं, और आपसे लिखवाकर ही दम लेती हैं, ज़िक्र होना
भी चाहिए, किसी भी रचना को लिखने के बाद, या पुस्तक के प्रकाशन के बाद उस पर
प...
तुम्हारे लिए
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मैं उसकी हंसी से ज्यादा उसके गाल पर पड़े डिम्पल को पसंद करता हूँ । हर सुबह
थोड़े वक्फे मैं वहां ठहरना चाहता हूँ । हंसी उसे फबती है जैसे व्हाइट रंग ।
हाँ व्...
कल्पना...!
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छत पर सूखते कपड़ों से रह-रह कर टपक रहे पानी के छीटों से परेशान चींटी कभी
दायें ओर मुड़ती-कभी बायें ओर। एकाध बार ठहर भी गई लेकिन छींटे थे कि फिर से
आगे ज...
कृष्ण अस्त्र
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कुमुद कौमुदी गदा देवी,
सहस्रार चक्र सु-दर्शन,
वनमृग शृङ्ग शार्ङ्ग चाप,
पाञ्चजन्य पञ्चजन आह्वान -
मैं जीवन में एक बार
केवल एक बार
हुआ स्तब्ध !
कुरु सखी पा...
इंतज़ामअली और इंतज़ामुद्दीन
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हि न्दी में इन दिनों ये दो नए मुहावरे भी चल पड़े हैं। अगर अभी आप तक नहीं
पहुँचे हैं तो जल्दी ही पहुँच जाएँगे। चीज़ों को संवारने, तरतीब देने,
नियमानुसार क...
रिश्ते...
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ब्लाॅग लिखने से बढ़िया कुछ नहीं...:-) :-) _______________________________
वक़्त की साज़िश से, रिश्ते पनप तो जाते हैं, मगर उनको कहानी बनते, देर नहीं
लगती .....
परेशाँ रात सारी है ...... क़तील शिफाई
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* परेशाँ रात सारी है सितारों तुम तो सो जाओहमें ये रात भारी है सितारों तुम
तो सो जाओ तुम्हें क्या आज भी कोई अगर मिलने नहीं आयाये बाज़ी हमने हारी है
स...
Demonetization and Mobile Banking
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*स्मार्टफोन के बिना भी मोबाईल बैंकिंग संभव...*
प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपनी मन की बात में युवाओं से आग्रह किया है कि हमें
कैशलेस सोसायटी की तरफ बढ़ना है औ...
मछली का नाम मार्गरेटा..!!
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मछली का नाम मार्गरेटा..
यूँ तो मछली का नाम गुडिया पिंकी विमली शब्बो कुछ भी हो सकता था लेकिन मालकिन
को मार्गरेटा नाम बहुत पसंद था.. मालकिन मुझे अलबत्ता झल...
ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से
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और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का।
वर्धा विश्वविद्यालय के हबीबा तनवीर सभागार मेँ वर्धा विश्वविद्यालत द्वारा
आय...
PARYAAWARAN
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पर्यावरण - मुसीबत के बोल ?पिछले दिनों रिज़र्वेशन नहीं मिला. अतः वीडियो
कोच बस से लम्बी यात्रा करनी पड़ी . इंदौर से मुंबई की यात्रा के दौरान एक
फिल्म देखने का...
दैवीय आपदा.......
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देवताओं के दाढ़ी और मूँछें नहीं होती थीं ।
वे हमसे ताकतवर थे ।
उनको युद्ध में हराना मुश्किल था लेकिन असंभव नहीं । रावण के डर से वे थरथर
काँपते थे ।
......
तेरी याद में -सतीश सक्सेना
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*हम जी न सकेंगे दुनियां में *
*माँ जन्मे कोख तुम्हारी से *
*जो दूध पिलाया बचपन में ,*
*यह शक्ति उसी से पायी है *
*जबसे तेरा आँचल छूटा,**हम हँसना अम्मा भूल ...
अदम जी मुझे लौकी नाथ कहते थे
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जयपुर में अदम जी मंच संचालन कर रहे थे। मुझे कविता पढ़ने बुलाने के पहले एक
किस्सा सुनाया। किसी नगर में एक बड़े ज्ञानी महात्मा थे। उनका एक शिष्य था नाम
था...
काव्य संग्रह- केदार सम्मान के कवि
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हिंदुस्तानी एकेडेमी की अनुपम भेंट
*‘केदार शोध पीठ न्यास’* द्वारा प्रतिवर्ष समकालीन हिंदी कवियों में से ऐसे
कवि को चयनित कर केदार सम्मान प्रदान किया जाता ह...
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BHOPAL TRAGEDY
The main issue in revived Bhopal Tragedy is somewhat muffled. Arjun singh
was made scape goat as everybody knew that he will not let down ...
मानव सभ्यता को भारत का योगदान: कुछ रोचक तथ्य
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भारत से सम्बन्धित कुछ रोचक तथ्य एक जर्मन पत्रिका में प्रकाशित हुए थे
जिन्हें अंग्रेजी साप्ताहिक ‘ऑर्गनाइजर’ ने मई २००७ में रिपोर्ट किया था। हाल
ही में...
मेरी पहली पोस्ट: वरिष्ठ चिठेरों के नाम...
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मेरे मन में हमेशा कुछ अनूठा करने की चाह रही है। *ताजा हवाएँ* की नीव ही डाली
थी मैने कुछ ताजगी पैदा करने के लिए। लेकिन राह आसान नहीं थी। अयोध्यावासी
जमुना...
उद्देशिका
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जीवन को देखकर अबतक जो समझा है उसे लिपिबद्ध करने का एक माध्यम प्राप्त हुआ
है। विचारों की सर्वसमीक्षा के उपरान्त प्राप्त निष्कर्ष प्रायः सत्य के करीब
होते है...
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