उन्नीस फरवरी से पच्चीस फरवरी तक लगातार सात दिनों तक इलाहाबाद में गीत, संगीत, नृत्य, कविता और शायरी की स्वर लहरियाँ यमुना नदी के तट पर बने शानदार मंच से बिखरती रहीं और रोज शाम को शहर का सारा ट्रैफिक बोट-क्लब मुक्तांगन की ओर मुड़ जाता रहा। सेवेन वण्डर्स ने जो विशाल मंच तैयार किया था उसकी शोभा देखते ही बनती थी। इस मंच पर जब पहले दिन उद्घाटन कार्यक्रम में आगरा से आये सुधीर नारायण ने अपने भजनो के साथ सुमधुर शुरुआत की तभी यह अन्दाज लग गया कि अगले कुछ दिन अभूतपूर्व आनन्द के रस में डूबने का अवसर मिलने वाला है।
उद्घाटन कार्यक्रम की औपचारिकता पूरी होने के तत्काल बाद श्रेया घोषाल ने एक रेल के डिब्बे से मंच पर उतरकर सबको रोमांचित कर दिया। दर्शक दीर्घा में शान्ति बनाए रखना पुलिस वालों के लिए असम्भव सा हो गया। एक के बाद एक हिट गानों को सजीव सुनते हुए दर्शक जोश में खड़े होकर नाचते रहे, जाने कितनी कुर्सियाँ शहीद हुईं मगर जश्न का माहौल थमने का नाम नहीं ले रहा था। भगवान ने इस लोकप्रिय गायिका को जितना सुरीली आवाज दी है उतनी ही सुन्दरता से भी नवाज़ा है।
एक से बढ़कर एक उम्दा कार्यक्रम देखकर देर रात दो-तीन बजे घर लौटना, दिन भर उनींदी आँखों से दफ़्तर का काम निपटाना और शाम होते ही फिर उसी महोत्सव का रुख कर लेना मेरा रूटीन बन गया… ऐसे में ब्लॉगिंग क्या खाक होती…? पिछली पोस्ट पर प्राप्त टिप्पणियों में लगभग सभी ने मुझसे रिपोर्ट की उम्मीद जतायी थी। मैने इसका मन भी बनाया था। कैमरा भी साथ लेकर जाता रहा, लेकिन सारी तैयारी धरी रह गयी। उस माहौल में तो बस झूम कर नाच उठने का मन करता था। डायरी कलम संभालने और फोटो खींचने की सुध ही नहीं रही। फिर भी आप लोगों को निराश नहीं करना चाहता हूँ। कुछ तस्वीरें जो मैने उतार ली थीं उनको देखकर माहौल का अन्दाज लगाइए। शेष बातें और वीडियो अगली पोस्ट में….
मंच की भव्यता देखते ही बनती थी
आइए देखते हैं कुछ यादगार तस्वीरें
जबर्दस्त आतिशबाजी | मन्त्री जी ने उद्घाटन किया |
लोकनृत्य-राजस्थानी चाकरी | लोकनृत्य-मणिपुरी |
लोकनृत्य-मथुरा की होली | लोकनृत्य-कश्मीरी |
श्रेया घोषाल | बच्चों के साथ (बीच में वागीशा) |
शान की लुटायी मस्ती बटोरने के लिए जब दर्शक अनियन्त्रित होने लगे तो आई.जी. और डी.आई.जी. खुद ही स्थिति संभालने के लिए खड़े हो गये (देखिए सबसे नीचे वाले बायें चित्र में)। भीड़ ने उनकी एक न सुनी। कार्यक्रम समय से पहले बन्द करना पड़ा। लेकिन तबतक सैकड़ों कुर्सियाँ टूट चुकी थीं जिनपर खड़े होकर नौजवानों ने डान्स किया था।
बहती हवा सा था वो… (शान) | शान और जूनू |
पुलिस कप्तान हुए हलकान |
तस्वीरें तो और भी ढेर सारी हैं लेकिन इनसे पेट तो भरने वाला है नहीं, इसलिए अब रहने देता हूँ। गिरिजेश भइया की इच्छा थी मालिनी अवस्थी की रिकॉर्डिंग सुनने की। मैने उसे रिकॉर्ड तो कर लिया है लेकिन सोनी के डिजिटल कैमरे में आवाज साफ़ नहीं रिकॉर्ड हो पायी है। सावधानी बरतते हुए मैने एनालॉग कैमरे (Handycam) से भी रिकॉर्ड किया है जो बहुत स्पष्ट और कर्णप्रिय है लेकिन इसको कम्प्यूटर में चढ़ाने के लिए एक कन्वर्टर की जरूरत है। मेरा टीवी ट्यूनर कार्ड अभी ऑडियो इनपुट नहीं ले रहा है। कोई तकनीकी विशेषज्ञ इसमें मदद कर सकता है क्या?
समीर जी मुझे आपकी फरमाइश भी याद है। लेकिन यही हाल कवि सम्मेलन का भी है। कैसेट में रिकॉर्डिंग मौजूद है लेकिन कम्प्यूटर पर कैसे चढाऊँ?
(सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी)
हमें खेद है कि हम इनकी चर्चा न कर पाये-
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के कलाकार, सुगन्धा मिश्रा (लाफ़्टर चैलेन्ज), हिमानी और तोषी, वडाली बन्धु, निज़ामी बन्धु, गुलाम अली, अमजद अली खान, कुँवर बेचैन, राहत इन्दौरी, बसीम बरेलवी, मुनव्वर राना, ताहिर फ़राज, प्रदीप चौबे, पद्मश्री रंजना गौहर (ओडिसी), नीरजा श्रीवास्तव(कत्थक), इमरान प्रतापगढ़ी, यश मालवीय, शबा बलरामपुरी और ढेर सारे अन्य कवि, शायर और कलाकार जिन्होंने दर्शकों को बाँधे रखा।
अभी केवल शुभकामनायें दे के जा रही हूं, पोस्ट इत्मीनान से पढूंगी.
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .... फोटो भी बढ़िया हैं ... रंग उत्सव की शुभकामनाये ....
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति के लिए बधाई !होली की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंBAHUT SUNDR PRASTUTI,MAI BHEE SMAPN MEN NIMANTRIT THA,JA NHEE PAYA,AFSOS RHEGA.
जवाब देंहटाएंAAPKO HOLEE KEE SHUBHKAMNAYE.
ऐसा लगा कि वही से आ रहा हूँ ..
जवाब देंहटाएंआभार !!!
होली की शुभकामनाएं ......
अच्छी होली हो ली आपकी तो त्रिवेणी में डुबकियाँ लगा कर।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया लगी पोस्ट , आपको होली की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकानायें ।
जवाब देंहटाएंहर बार की तरह बढ़िया रिपोर्टिंग. कुछ रेकॉर्डिंग भी की क्या आपने?
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा । बहुत सुंदर प्रयास है। जारी रखिये ।
जवाब देंहटाएंहिंदी को आप जैसे ब्लागरों की ही जरूरत है ।
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बहुत सुंदर जानकारी, ओर बहुत ही सुंदर चित्र भी. होली की बहुत बहुत शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबड़ा विराट आयोजन रहा!!
जवाब देंहटाएंये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
खुशी की हो बौछार,चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
होली में डाले प्यार के ऐसे रंग
जवाब देंहटाएंदेख के सारी दुनिया हो जाए दंग
रहे हम सभी भाई-चारे के संग
करें न कभी किसी बात पर जंग
आओ मिलकर खाएं प्यार की भंग
और खेले सबसे साथ प्यार के रंग
फोटो बहुत ही बढ़िया है अब कवि सम्मलेन की रिकार्डिंग सुनाने की इच्छा हो गई है.
जवाब देंहटाएंआप और आपके परिवार को होली की ढेर सारी सुभकामनाएँ.