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शुक्रवार, 15 अगस्त 2008

पन्द्रह अगस्त पर शुभ कामनाएं...

(१)
देखो भाई आ गया, फिर पन्दरह अगस्त।
आग लगी है देश में, नेता फिर भी मस्त।

नेता फिर भी मस्त, खूब झण्डा फहराया।
जम्मू कर्फ्यूग्रस्त, बड़ा संकट गहराया॥

सुन सत्यार्थमित्र बैरी को बाहर फेंको।
सर्प चढ़ा जो मुकुट, दंश देता है देखो॥


(२)
आज़ादी की बात पर होता नहीं गुमान।
बहुत गुलामी देश में पसरी है श्रीमान्॥

पसरी है श्रीमान् यहाँ बदहाल गरीबी।
जाति-धर्म के भेद और आतंक करीबी॥

घोर अशिक्षा, पिछड़ापन, बढ़ती आबादी।
भ्रष्टतंत्र की भेंट चढ़ी अपनी आज़ादी॥


s3.amazonaws.com से साभार

12 टिप्‍पणियां:

  1. घोर अशिक्षा, पिछड़ापन, बढ़ती आबादी।
    भ्रष्टतंत्र की भेंट चढ़ी अपनी आज़ादी॥

    यही तो रोना है। खैर जो भी है, जैसी भी है, आजादी आजादी है। आपको ढेर सारी शुभकामनाएं।

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  2. स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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  3. स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई

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  4. आज़ादी की बात पर होता नहीं गुमान।
    बहुत गुलामी देश में पसरी है श्रीमान्॥.......
    phir bhi apna bharat mahaan,saal me do-teen baar desh bhakti ke gaane bajte hain aur kartavya ki itishree
    bahut badhiyaa likha hai

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  5. भाई आप को भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं!

    जवाब देंहटाएं
  6. bhai idhar aana bahut sukhad hua.
    achchi soch ko naman.
    aap jaise vidvaanon ke sahyog ki aankaansha liye ik naya blig b hai hamara.zaroor aayen.
    http://saajha-sarokaar.blogspot.com/

    apne yahan aapka link de raha hoon.

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  7. शुभकामनायें...और हम कूश्श नेंईं बोलेगा ।
    जैसे अब तक काम चलाते आये हैं,
    वैसे ही सिरि शुभकामनाओं से अपना काम चलाते रहिये !
    ऒईच्च..हम बोलेगा तो बोलोगे की बोलता है,
    हम कूश्श नेंईं बोलेगा ...

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  8. आपको भी आजादी की शुभकामनाएं!

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  9. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई।
    कभी न कभी कुहासा छंटेगा जरूर!

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  10. घोर अशिक्षा, पिछड़ापन, बढ़ती आबादी।
    भ्रष्टतंत्र की भेंट चढ़ी अपनी आज़ादी
    ॥बहुत ही सुन्दर। आपने भावुक कर दिया। इतना अच्छा लिखा है और गीत ने तो सोने मैं सुहागा कर दिया। बहुत बहुत साधुवाद।

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  11. siddarth ji
    ho sakta hai ki pahle hum mile ho.magar blog par yeh pahli mulaquat hai.naukari aadmi ki zaroorat hoti hai pehchaan nahi.aapke baare me padhar accha laga. NAUKARI KE SAATH YE LIKHNE -LIKHKAANE KA HUNAR BANAYE RAKHEN.Blog par aaya accha laga.

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  12. siddarth ji
    ho sakta hai ki pahle hum mile ho.magar blog par yeh pahli mulaquat hai.naukari aadmi ki zaroorat hoti hai pehchaan nahi.aapke baare me padhar accha laga. NAUKARI KE SAATH YE LIKHNE -LIKHKAANE KA HUNAR BANAYE RAKHEN.Blog par aaya accha laga.

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