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शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011

राष्ट्रीय सेमिनार लाइव... डेटलाइन - कल्याण (मुम्बई)

आज हम मुम्बई पहुँच गये हैं। यह ब्लॉगरी जो न जगह दिखाए। जी हाँ, हम ब्लॉगरी की डोर पकड़कर अपने घर से करीब डेढ़ हजार किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण इलाके में एक महाविद्यालय में अपने ब्लॉगर मित्रों के साथ कुछ खास चर्चा के लिए इकठ्ठा हो गये हैं। किस-किसका जुटान हो चुका है यह बाद में। उद्‌घाटन सत्र शुरू होने जा रहा है। उसके पहले पहली किश्त ये रही...


(बाएँ से (खड़े हुए) केवलराम, डॉ.अशोक कुमार मिश्र, अविनाश वाचस्पति, डॉ.हरीश अरोरा, चन्द्र प्रकाश मिश्र
बाएँ से (बैठे) सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी, रवीन्द्र प्रभात, अनिता कुमार, रवि रतलामी)

पुनश्च :
के.एम.अग्रवाल कला, वाणिज्य एवम्‌ विज्ञान महाविद्यालय, कल्याण (प.) के हिंदी विभाग द्वारा यू.जी.सी. के संपोषण से  हिंदी ब्लॉगिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएँ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्री संगोष्ठी का उद्घाटन कार्यक्रम प्रगति पर है। संस्था की प्राचार्य डॉ.अनिता मन्ना ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया। संयोजक मनीष मिश्र ‘मुन्तज़िर’ अतिथियों को पुष्पगुच्छ इत्यदि से स्वागत का संचालन कर रहे हैं।

मंचासीन (उद्‌घाटन सत्र) : डॉ. आर.बी. सिंह संस्था के अध्यक्ष, विजय नारायण पंडित- सचिव, दामोदर खडसे- अध्यक्ष- महाराष्ट्र साहित्य अकादमी, डॉ. विद्याबिन्दु सिंह पूर्व निदेशिका उ.प्र. हिंदी संस्थान, डॉ. रामजी तिवारी, अध्यक्ष हिंदी विभाग मुम्बई विश्वविद्यालय, राजमणि त्रिपाठी, उप संपादक, नवभारत टाइम्स, मुम्बई, रविरतलामी-भोपाल

पुस्तक लोकार्पण हो गया :
नाम: हिंदी ब्लॉगिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएँ
पृष्ठ २७०, मूल्य : अघोषित
प्रकाशक : के.एम.अग्रवाल महाविद्यालय, कल्याण(प)
संपादक : डॉ. मनीष मिश्र ‘मुन्तज़िर’
यह पुस्तक इस विषय पर प्रकाशित तीसरी महत्वपूर्ण पुस्तक है। इसमें करीब ४० ब्लॉगर्स के आलेख और शोधपत्र संकलित हैं

संस्था द्वारा कुछ ब्लॉगर मित्रों को अपने मंच पर ‘ब्लॉगभूषण सम्मान’ से सम्मानित किया। सम्मान सवरूप इन्हें प्रशस्ति पत्र, पुष्पगुच्छ व शाल भेंट की गयी।

जो सम्मानित हुए उनके नाम हैं : रवि रतलामी, रवीन्द्र प्रभात, अविनाश वाचस्पति, सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी, शैलेश भारतवासी, डॉ. हरीश अरोरा एवम्‌ डॉ. अशोक कुमार मिश्र।


अविनाश वाचस्पति

डॉ.हरीश अरोरा

रवि रतलामी

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी

रवीन्द्र प्रभात

बीज वक्तव्य:
रवि रतलामी जी ने अपना पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण दिया। ब्लॉगरी के इतिहास, भूगोल, और समाजशास्त्र के बारे में उनके विचार आप सभी इन पृष्ठों पर पढ़ चुके हैं लेकिन आज उन्होंने फिरसे बहुत ही अपडेटेड और गम्भीर जानकारी उपस्थित श्रोताओं को दी।

उद्‌घाटन सत्र में वक्ताओं ने जिस गहनता से अपनी बात रखी और श्रोताओं ने जिस तल्लीनता से उन्हें सुना उसका अन्दाज इस बात से लगाया जा सकता है कि उद्‌घाटन सत्र के बाद का प्रथम चर्चा सत्र जो भोजनावकाश से पूर्व निर्धारित था उसका समय भोजनावकाश के बाद के लिए स्थगित करना पड़ा।




 भोजन बहुत ही जायकेदार था। सबने छक कर खाया। अशोक जी और रवीन्द्र जी ने अपना खाना खत्म करके सभागार (वाचनालय) के दरवाजे पर अगले सत्र के शुभारम्भ की प्रतीक्षा बेसब्री से करने लगे।


अगला सत्र जल्दी शुरू करो भाई। बहुत से प्रपत्र वाचन होने हैं।
(प्रथम भाग समाप्त)

13 टिप्‍पणियां:

  1. सभी सम्मानितों को बधाई -ये सभी ऐसे यशस्वी ब्लागर हैं जिनसे खुद सम्मान ही बार बार सम्मानित हो रहे हैं!
    अब समय आ गया कि सम्मान के सम्मानित होने के बजाय कुछ नौधा ब्लॉगर भी सम्मानित हों !
    हम नजर रखे हुए हैं ...
    सिद्धार्थ जी तुम ब्लॉग करो हम साथ साथ हैं !

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  2. यदि संभव हो तो लाभान्वित वर्ग से भी मिलवाएं.

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  3. राहुल जी,
    साथ बने रहिए, लाइव रिपोर्टिंग जरी है। लाभार्थी भी सामने आएंगे।

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  4. बधाई हो सम्मानित होने वालों को। आगे का हाल बताया जाये।

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  5. बस ब्लॉगिंग का यही खुशनुमा माहौल बना रहे।

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  6. हम ऐसे ही थोड़े मान लेगें कि खाना जायकेदार था -मीनू बताया जाय ....
    करेले का रसेदार था या नहीं ? महाराष्ट्र का जायका है:)
    खुल के इवेंट ब्लागिंग कीजिये सिद्धार्थ जी -आयोजक से मिलीभगत नहीं दिखनी चाहिए

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  7. सभी "ब्लॉगभूषण सम्मान" से सम्मानित आमंत्रित, निमंत्रित मुर्धन्य ब्लागर्स को बधाई, ब्लागिंग का परचम यूँ ही लहराते रहें। हैप्पी ब्लॉगिंग। हम देख रहे हैं लाईव टेलिकास्ट, जुड़े हुए हैं मुंबई के साथ। शुभकामनाएं।

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