tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post6552359289064666901..comments2023-12-10T22:24:08.053+05:30Comments on सत्यार्थमित्र: एक झलक ग्रामीण उच्च शिक्षा की…सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-65968679460328186282008-10-21T22:25:00.000+05:302008-10-21T22:25:00.000+05:30atyant jaankari parak post.bahut achcha laga.atyant jaankari parak post.<BR/><BR/>bahut achcha laga.شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-74989242340366847602008-10-21T00:05:00.000+05:302008-10-21T00:05:00.000+05:30कुछ महिलाएं आपस में बात कर रही थीं। एक ने पूछा-आखि...कुछ महिलाएं आपस में बात कर रही थीं। एक ने पूछा-आखिर ये मर्द लोग अकेले में कैसी बातें करते हैं? एक ने जवाब दिया -वैसी ही करते हैं जैसी बातें हम अकेले में करते हैं। <BR/>सवाल करने वाली की प्रतिक्रिया थी -हाय राम! बड़े बदमाश होते हैं ये मर्द लोग।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-53984238866986265042008-10-20T20:01:00.000+05:302008-10-20T20:01:00.000+05:30पवन जी,एक ही कमेण्ट तीन बार प्रकाशित हो गया था, इस...पवन जी,<BR/>एक ही कमेण्ट तीन बार प्रकाशित हो गया था, इसलिए इसमें से दो को हटा दिया है।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-89211106946419674862008-10-20T18:07:00.002+05:302008-10-20T18:07:00.002+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.Harshkant tripathihttps://www.blogger.com/profile/15441547683065761377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-53201382207942378602008-10-20T18:07:00.001+05:302008-10-20T18:07:00.001+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.Harshkant tripathihttps://www.blogger.com/profile/15441547683065761377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-35029731854454955052008-10-20T18:07:00.000+05:302008-10-20T18:07:00.000+05:30yaha college me aane ke bad aaj pahli bar blog par...yaha college me aane ke bad aaj pahli bar blog par kuchh padhane ka mauka mila. badhiya post. sardar ji wale chutkule ne gudgudaya.Harshkant tripathihttps://www.blogger.com/profile/15441547683065761377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-12340071703957457092008-10-20T17:41:00.000+05:302008-10-20T17:41:00.000+05:30हम तो वाद-विवाद से पलायन ही कहेंगे... झूट मुठ के ब...हम तो वाद-विवाद से पलायन ही कहेंगे... झूट मुठ के बात के बात बढ़ाने का क्या लाभ !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-18879417604877520112008-10-20T14:24:00.000+05:302008-10-20T14:24:00.000+05:30चित्र देख कर एक बारगी चकरा गया। गोबर पट्टी में यह ...चित्र देख कर एक बारगी चकरा गया। गोबर पट्टी में यह झकाझक! फिर www.usc.edu.ph देख समझ में आया कि चित्र बिलायती है। लेकिन दूसरी चकराहट बनी हुई है। योगेन्द्र त्रिपाठी जी के अनुभव से लगता है, परिदृष्य बड़ी तेजी से बदल रहा है। <BR/>इस पोस्ट ने हमें आउट आफ डेट होने का अहसास करा दिया। और सोचने को मसाला भी दिया।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-33625308197629769352008-10-20T13:50:00.000+05:302008-10-20T13:50:00.000+05:30इस दुनिया की झलक दिखाने का शुक्रियाइस दुनिया की झलक दिखाने का शुक्रियाडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-10470642261721563282008-10-20T08:33:00.000+05:302008-10-20T08:33:00.000+05:30shikshak banane ke liye itna to karna hee padega. ...shikshak banane ke liye itna to karna hee padega. holiday adhik, kam kam. ab shikshak bhee sarkari karmchari ki tarah ho gayeगोविंद गोयल, श्रीगंगानगर https://www.blogger.com/profile/04254827710630281167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-54331758416449047372008-10-20T07:34:00.000+05:302008-10-20T07:34:00.000+05:30आर्कषक चित्रण | बड़ा सही माहौल है बी एड का | अन्यथ...आर्कषक चित्रण | बड़ा सही माहौल है बी एड का | अन्यथा विज्ञानं में सुन्दरता काफी कम नज़र आती है | हमारे इलेक्ट्रानिक्स की क्लास में बड़ी नीरसता थी | हम जानबूझ के बायोलोजी और केमिस्ट्री की क्लास में गलती से चले जाते थे |Vivek Guptahttps://www.blogger.com/profile/14118755009679786624noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-91284846312154395752008-10-20T07:27:00.000+05:302008-10-20T07:27:00.000+05:30वाद विवाद से पलायनवाद विवाद से पलायनAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-72506107761398972008-10-20T05:54:00.000+05:302008-10-20T05:54:00.000+05:30हम थोड़ा इस माहौल से दूर हो गये हैं तो अचरज सा ही ह...हम थोड़ा इस माहौल से दूर हो गये हैं तो अचरज सा ही हो रहा है बस.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-68178723925747584502008-10-20T05:47:00.000+05:302008-10-20T05:47:00.000+05:30अभी शायद बीएड मे ये नजारा देखने मिल रहा हैं, जल्द ...अभी शायद बीएड मे ये नजारा देखने मिल रहा हैं, जल्द ही अन्य क्षेत्रों मे भी देखने मिल जायगा क्योंकि सभी जगह लक्षण समान दिखाई पड रहे हैं, यहाँ मुम्बई की बात करूँ तो स्टूडेंट्स का नजरीया जस्ट फॉर फन पर ज्यादा जोर मारता है।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-81458133719386338692008-10-20T05:46:00.000+05:302008-10-20T05:46:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-42205142207471878002008-10-20T05:37:00.000+05:302008-10-20T05:37:00.000+05:30सिद्दार्थ जी मैं इस वृत्तांत से तत्त्काल तादात्म स...सिद्दार्थ जी मैं इस वृत्तांत से तत्त्काल तादात्म स्थापित कर गया हूँ क्योंकि अभी कल ही बी एड की परीक्षा में सुबह ४ बजे से सायं सात बजे तक शर्म /श्रम दान कर लौटा हूँ -इस परीक्षा को लेकर अब उत्साह का आलम यह है कि देशी शहरी ,विवाहित अविवाहित ,बच्चेदार -बिना बच्चेदार ,उमरदार-कमसिन और भी तरह तरह के संयोगों वाले नर नारी इसकी कतार में थे .<BR/>जहा मानवता इतने विविध और समग्र रूप में होगी इंगित रचनाधर्मिता वहाँ सहज ही आ उपस्थित होगी !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com