tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post443536213526576416..comments2023-12-10T22:24:08.053+05:30Comments on सत्यार्थमित्र: रेलयात्रा हमें सहिष्णु बनाती है…सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-80411163660435141792011-10-23T14:25:39.468+05:302011-10-23T14:25:39.468+05:301. लिखित शिकायत का कागजी निपटारा होता जरूर है और उ...1. लिखित शिकायत का कागजी निपटारा होता जरूर है और उस आधार पर (देर से या कम ही सही) कुछ न कुछ कार्रवाई होती है, जिससे गलत काम करने वाले के पेट में दर्द हो।<br />2. उत्तरप्रदेश-बिहार के क्षेत्र में सांस्कृतिक अराजकता ज्यादा है, अत: सांस्कृतिक सदमे ज्यादा लगते हैं - यह मैं कह सकता हूं, यद्यपि मैं यहीं का रहनेवाला हूं!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-76922799287327576902011-10-22T09:50:29.146+05:302011-10-22T09:50:29.146+05:30रेल भी एक लघु भारत ही है - बस थोड़ी डायनैमिक ज़्या...रेल भी एक लघु भारत ही है - बस थोड़ी डायनैमिक ज़्यादा है। अंततः सहिष्णुता हारी कि जीती?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-53781358526087511222011-10-17T17:47:07.538+05:302011-10-17T17:47:07.538+05:30बहुत अच्छा आलेख,सटीक चित्रण
आपका कहना सही है सहिष्...बहुत अच्छा आलेख,सटीक चित्रण<br />आपका कहना सही है सहिष्णुता सिखाता है रेलवेHumanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-34868447265486628752011-10-13T08:45:50.284+05:302011-10-13T08:45:50.284+05:30बढ़िया रेल यात्रा ....
शुभकामनायें आपको !बढ़िया रेल यात्रा ....<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-28867275270447091902011-10-12T22:41:00.563+05:302011-10-12T22:41:00.563+05:30rochak varnanrochak varnanroushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-41427432600778891082011-10-08T17:07:24.576+05:302011-10-08T17:07:24.576+05:30घर वापस आकर मैं अपनी गृहस्थी और नौकरी में व्यस्त ह...घर वापस आकर मैं अपनी गृहस्थी और नौकरी में व्यस्त हो गया हूँ। शिकायत दर्ज करने की इच्छा धीरे-धीरे दम तोड़ रही है। तीन दिन बीत जाने के बाद यह हाल आपको बता पाने का मौका पा सका हूँ। यात्रा की तिथि, स्थान, समय व अन्य विवरण वास्तविक रूप से इसलिए उद्धरित कर दिया है कि शायद रेल महकमें का कोई जिम्मेदार अधिकारी इसे पढ़कर कोई स्वतः स्फूर्त कार्यवाही कर डाले। हमें तो परिस्थितिजन्य सहिष्णुता ने घेर लिया है..rail ka chiritchitran bahut hi sahshurn ban pada hai.. padhkar ham bhi rail yaatraon ke khate-meethe anubhavon mein dubne utarne lage hain...<br />saarthak aur chintansheel prastuti hetu dhanyavaad.<br />Kash ko jimedar rail adhikari-karmachari yah sab padhkar kuch saarthak kadam uthane ke soch bana paate...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-73924400724330169562011-10-05T07:42:46.387+05:302011-10-05T07:42:46.387+05:30सहिष्णुता जरूरी है जीवन के लिये। रेल यात्रा के बहा...सहिष्णुता जरूरी है जीवन के लिये। रेल यात्रा के बहाने ही मिल जाये तो और अच्छा! :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-83444794694399356282011-09-30T01:53:18.944+05:302011-09-30T01:53:18.944+05:30यह हाल यू पी बिहार का ही नहीं देल्ही का भी है.पर श...यह हाल यू पी बिहार का ही नहीं देल्ही का भी है.पर शिकायत करो या नहीं उसकी धमकी से कई बार काम हो जाते हैं.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-86514139394979289702011-09-29T16:19:22.501+05:302011-09-29T16:19:22.501+05:30सही कहा...हमारी सहिष्णुता उस स्तर को प्राप्त है,जह...सही कहा...हमारी सहिष्णुता उस स्तर को प्राप्त है,जहाँ हममे और बकरियों में कोई अंतर नहीं......<br /><br />कई किससे याद हो आये, किस किस का जिक्र करूँ...एक बार मेरे बेटे को टाटानगर से ग्वालिअर अकेले सेकेण्ड एसी में भेज दिया..पहले तो टिकट वेटिंग में थी,पर कुछ घंटे पूर्व यह कंफोर्म हो चुकी थी...नेट में देखकर जो सीट और कोच नंबर दिखा,मैंने बेटे से कहा पेन्सिल से टिकट के पीछे लिख le...बच्चे ने केवल यह गलती कर दी कि पीछे न लिख सीट नंबर आगे टिकट पर लिख दी..<br /><br />टाटानगर से ट्रेन निकलने पर जब टी टी बाबू आये और बच्चे को अकेले देखा , तो उससे जिरह करने लगे कि टिकट इनवैलिड हो गया और अब वह पूरा किराया जुर्माने के तौर पर दे..यहाँ से बिलासपुर तक जिरह करते करते ,धमकाते उसने बेटे से उसके पूरी पाकेट मणी le ली..चूँकि स्कूल से मोबाइल देने की मनाही थी,इसलिए वह हममे से किसी से संपर्क भी नहीं कर पाया..जब स्कूल से उनसे फोन कर बताया तो हमारा खून खौल गया..<br /><br />कुछ महीनों बाद फिर से जब उसी रूट से बाप बेटा दोनों जा रहे थे, इन्होने ढूंढकर उस टी टी को निकला..और जब उसकी ऐसी तैसी की तो पतिदेव तो छोडिये बच्चे के पैर पाकर कर माफी मांगने लगा...<br /><br />ऐसे वाकये सबसे अधिक बिहार यु पी और थोडा बहुत झारखण्ड में भी देखने को मिलते हैं,सब जगह यह हाल नहीं...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-83169326747730161542011-09-29T13:36:59.492+05:302011-09-29T13:36:59.492+05:30किसी के क्या शिकायत कीजिए..
यात्रा बढिया निकली तो...किसी के क्या शिकायत कीजिए..<br /><br />यात्रा बढिया निकली तो प्रभु को शुकराना..<br />वैसे इसकी उम्मीद कम ही होती है, बाकि परेशानी के लिए तो तैयार हो कर जाना चाहिए..दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-64207634254103891352011-09-29T12:57:53.925+05:302011-09-29T12:57:53.925+05:30कुछ दिनों पहले मैंने फोन में टिकट दिखाया तो टीटी स...कुछ दिनों पहले मैंने फोन में टिकट दिखाया तो टीटी साब कहने लगे कि ५० रुपये फाइन लगेगा - प्रिंटआउट चाहिए ! <br />मैंने उन्हें बताया कि अब ये जरूरी नहीं है और वर्चुअल रिसीट चल जाता है. मैंने उन्हें एक टिकट पर लिखा हुआ भी दिखाया. पर वो नहीं माने. उन्होंने कहा कि ऐसा होता तो भारतीय रेल उन्हें जरूर बताती. उन्हें तो बताया गया है कि प्रिंटआउट नहीं हो तो फाइन लेना है ! <br /> फिर आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर उन्हें दिखाया तब जाकर कुछ शांत हुए :)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-31563102472777179122011-09-29T09:04:46.532+05:302011-09-29T09:04:46.532+05:30रेल-यात्रा बहुत ही सुखद और रोमांचक अनुभव होना चाहि...रेल-यात्रा बहुत ही सुखद और रोमांचक अनुभव होना चाहिए पर सिस्टम ने इसे भी जकड़ लिया है.द्वितीय-श्रेणी में यात्रा (व्यस्त-समय में तो असंभव )अब मुश्किल होती जा रही है.बिना सीट के लोग ठंसे जा रहे हैं और कंफ़र्म वालों को आप जैसा 'सहिष्णु' बनना पड़ता है.<br />पिछली यात्रा में एक नए-से टीटी ने बिना अतिरिक्त कुछ लिए मुझे कंफ़र्म सीट दे दी थी तो घोर आश्चर्य हुआ था !सुधार किया जाए तो परिवहन का सबसे उत्तम साधन है रेलवे !<br />माताजी की ईश्वर से स्वास्थ्य-कामना !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-67943164013125437562011-09-29T08:55:57.252+05:302011-09-29T08:55:57.252+05:30पता नहीं कब सुधरेगा रेलवे ?पता नहीं कब सुधरेगा रेलवे ?डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-52179191005699788502011-09-29T08:49:19.835+05:302011-09-29T08:49:19.835+05:30बिलकुल यही घटनाएं घटी हैं ..एक ने तो मुझे वैलिड टि...बिलकुल यही घटनाएं घटी हैं ..एक ने तो मुझे वैलिड टिकट के बाद भी रात में डिब्बे में ही नहीं चढ़ने दिया था ...हर बार यह सोचता हूँ लौट कर शिकायत करूँगा मगर बात आयी गयी हो जाती है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-83011478157241101022011-09-29T08:39:24.550+05:302011-09-29T08:39:24.550+05:30इसे पढ़कर हमें भी ऐसी परिस्थितियों से जूझने के लिए...इसे पढ़कर हमें भी ऐसी परिस्थितियों से जूझने के लिए आवश्यक मनोबल और सहिष्णुता मिल गयी. भारतीय रेलवे का नाम सार्थक हुआ. मैंने आपकी पीड़ा का अनुभव किया. हम कुछ और विनीत, करुणावान और सहनशील बने, और क्या चाहिए?<br />लेकिन एक बात कहना चाहूँगा.... आज तक दिल्ली-भोपाल ट्रैक पर बीसियों बार सफ़र किया है लेकिन वे दिक्कतें कभी नहीं झेलीं जिनका ज़िक्र उत्तरप्रदेश-बिहार के यात्री करते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि इन रेल मंडलों के यात्री और रेल महकमे से जुड़े लोग समस्या की तह तक नहीं गए हैं, और समस्या है यहाँ व्याप्त अनुशासनहीनता और अराजकता, जिनके लिए ये प्रदेश पहले से ही कुख्यात हैं.निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-84424463080150479212011-09-29T06:41:52.028+05:302011-09-29T06:41:52.028+05:30आपकी माताजी को स्वास्थ्य लाभ हो, सहिष्णुता के मानक...आपकी माताजी को स्वास्थ्य लाभ हो, सहिष्णुता के मानकों से हम भी जूझ रहे हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com