tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post8173483371462958079..comments2023-12-10T22:24:08.053+05:30Comments on सत्यार्थमित्र: लोकतन्त्र के भस्मासुरसिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-13809738270912724722010-10-23T08:01:25.666+05:302010-10-23T08:01:25.666+05:30भीड़ का एक बड़ा हिस्सा हमेशा ग़लत होता है और जो गिनती...भीड़ का एक बड़ा हिस्सा हमेशा ग़लत होता है और जो गिनती मैं कम हुआ करते हैं, हमेशा सही, क्यूँ की नेक इंसान दुनिया मैं कम हैं और बुरे अधिक.S.M.Masoomhttps://www.blogger.com/profile/00229817373609457341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-19635894715843997122009-08-12T19:35:21.879+05:302009-08-12T19:35:21.879+05:30यह बात अलग है कि राजनीति विज्ञान के जानकार प्राचीन...यह बात अलग है कि राजनीति विज्ञान के जानकार प्राचीन ग्रीक कालीन डेमोक्रेसी और आधुनिक ‘लोकतंत्र’ में जमीन-आसमान का अन्तर बताएंगे।<br />लेकिन वास्तव में कोई फ़र्क़ है नहीं, यह हम-आप आज अपने अनुभव से जानते हैं.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-3448476619689351282009-08-11T13:44:18.609+05:302009-08-11T13:44:18.609+05:30चिंतनीय.
{ Treasurer-T & S }चिंतनीय.<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">{ Treasurer-T </a><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">& S }</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-57189142338957446092009-08-10T18:49:21.535+05:302009-08-10T18:49:21.535+05:30बहुत सार गर्भित पोस्ट...धन्यवाद इतने विस्तार से प्...बहुत सार गर्भित पोस्ट...धन्यवाद इतने विस्तार से प्रकाश डालने पर...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-73950983939527448412009-08-07T09:52:05.252+05:302009-08-07T09:52:05.252+05:30democracy is not the absolute solution.
आज मात्र...democracy is not the absolute solution. <br /><br />आज मात्र 1 से 5 प्रतिशत वोटों की हेर फेर से उम्मीदवार चुनाव जीत जाता है और सौ प्रतिशत जनता का प्रतिनिधित्व करता है । <br />जात पात धर्म सम्प्रदाय की राजनीति तो खैर है ही । <br />इन सबको देखते हुये मीडिया का रोल काफी दुःखद है क्योंकि आज चैथा खंभा सिर्फ टी आर पी देख रहा है और पार्टियों का मुंह ताकता है । भारत में प्रजातंत्र फेल हो गया है । इसमें कोई शक नहीं है ।<br />अत्यंत गंभीर पोस्ट । बधाई ।K M Mishrahttp://kmmishra.tknoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-42734385394106183072009-08-04T21:30:18.076+05:302009-08-04T21:30:18.076+05:30लोकतंत्र से बेहतर शासन व्यवस्था है और न होगी। लेकि...लोकतंत्र से बेहतर शासन व्यवस्था है और न होगी। लेकिन, मुश्किल ये है कि लोकतंत्र से वो सारे लोग सबसे ज्यादा अपने को अलग किए रहते हैं जिनके लिए लोकतंत्र की असली जरूरत है।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-26421000939378937042009-08-04T21:30:15.825+05:302009-08-04T21:30:15.825+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-16696672479836117882009-08-04T14:04:31.016+05:302009-08-04T14:04:31.016+05:30गहरा अध्यन करने के बाद लिखा है आपने ये लेख पर बहुत...गहरा अध्यन करने के बाद लिखा है आपने ये लेख पर बहुत ही अच्छे तरीके से अपनी बात सब तक रक्खी है........... राजनीति में कौन से सिद्धांत को बिलकुल सही माना जाए ये एक बहस का मुद्दा हो सकता है क्योकि अपने अपने नफे और फायदे सब व्यवस्थाओं में हैं............ पर इस बात से मैं भी सहमत हूँ की भारतवर्ष में लोकतंत्र का जो मॉडल चलाया जा रहा है, वो किसी धोखे से कम नहीं है............दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-67554427710807753792009-08-04T13:48:58.353+05:302009-08-04T13:48:58.353+05:30lok-tantra....me se lok hi rah gaye.. tantra bikhr...lok-tantra....me se lok hi rah gaye.. tantra bikhra pada hai..<br /><br /><br />very good informative stuff<br />-<br />http://som-ras.blogspot.comsomadrihttps://www.blogger.com/profile/16213618928809931364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-73393516473429235042009-08-03T23:54:54.333+05:302009-08-03T23:54:54.333+05:30हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से क...हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए <br />इस हिमालय से कोई गंगा निकालनी चाहिए............<br /> <br />भारत को बदलाव की बहुत जरूरत है मगर बदलाव लाना इतना आसान भी नहीं है <br />इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ की राज्य के विषय में जो प्लूटो ने कहा था वो न तब सत्य था न आज उनकी बात तब भी अपूर्ण थी और आज भी <br />तब राजा ही न्यायपालिका कार्यपालिका और व्यवस्थापिका का सर्वोच्च था और आज भी मगर कई मूलभूत अंतर है जिन्होंने राज्य को प्रभावित किया है <br />और राष्ट्र को राज्य बनाना भारत में तो अब असंभव है <br /><br />विचार परक और मेहनत से तैयार किया गया लेख,पसंद आया <br />वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-51248662029184537052009-08-03T22:51:05.219+05:302009-08-03T22:51:05.219+05:30सुन्दर पोस्ट!सुन्दर पोस्ट!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-9531788104876316212009-08-03T22:02:49.836+05:302009-08-03T22:02:49.836+05:30उत्तम और मनन परक आलेख.उत्तम और मनन परक आलेख.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-29576607651005485412009-08-03T21:57:18.317+05:302009-08-03T21:57:18.317+05:30विश्लेषण बहुत बढिया लगा
और सुकरात के बारे में ...विश्लेषण बहुत बढिया लगा <br />और सुकरात के बारे में इस जानकारी के लिए शुक्रिया।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-7482606630451120282009-08-03T21:24:20.195+05:302009-08-03T21:24:20.195+05:30लोकतंत्र के नाम पर जो हो रहा सब के सामने है आपसे स...लोकतंत्र के नाम पर जो हो रहा सब के सामने है आपसे सहमत।एक बढिया आलेख पढ़वाने के लिए आभार।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-66922782027785536042009-08-03T20:13:03.888+05:302009-08-03T20:13:03.888+05:30मैं तो विश्वास करता हूं कि प्रजातंत्र की बजाय विद्...मैं तो विश्वास करता हूं कि प्रजातंत्र की बजाय विद्वतपरिषद का शासन होना चाहिये। <br />प्रजातंत्र में बन्दे तोले नहीं जाते, गिने जाते हैं! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-27188560441696913792009-08-03T19:47:00.169+05:302009-08-03T19:47:00.169+05:30इकाई, दहाई, सैकडा, हज़ार.......सत्यानाश.इकाई, दहाई, सैकडा, हज़ार.......सत्यानाश.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-16189660051208471742009-08-03T18:54:47.670+05:302009-08-03T18:54:47.670+05:30लोकतंत्र को वास्तविक बनाने की आवश्यकता है।लोकतंत्र को वास्तविक बनाने की आवश्यकता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-50835328741279149012009-08-03T18:11:03.232+05:302009-08-03T18:11:03.232+05:30Bottom line:
कोई भी व्यक्ति जो न्याय के लिए वास्तव...Bottom line:<br />कोई भी व्यक्ति जो न्याय के लिए वास्तविक संघर्ष करता है, उसे यदि जीने की थोड़ी भी इच्छा है तो उसे सार्वजनिक जीवन त्याग कर निजी ज़िन्दगी बितानी होगी।”Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-70822384659579182432009-08-03T18:05:25.607+05:302009-08-03T18:05:25.607+05:30सिद्धार्थ साहब मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी देकर मेरा ...सिद्धार्थ साहब मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी देकर मेरा होसला अफजाई करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया<br />जुडाव बनायें रखेंचाँद मोहम्मदhttps://www.blogger.com/profile/05619482915836049968noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-14113130876269142212009-08-03T18:05:20.491+05:302009-08-03T18:05:20.491+05:30सिद्धार्थ साहब मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी देकर मेरा ...सिद्धार्थ साहब मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी देकर मेरा होसला अफजाई करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया<br />जुडाव बनायें रखेंचाँद मोहम्मदhttps://www.blogger.com/profile/05619482915836049968noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-20431274194420665002009-08-03T17:17:07.072+05:302009-08-03T17:17:07.072+05:30भारतवर्ष में लोकतंत्र का जो मॉडल चलाया जा रहा है, ...भारतवर्ष में लोकतंत्र का जो मॉडल चलाया जा रहा है, उसमें भी इस उत्कृष्ट सिद्धान्त का व्यावहारिक रूप किसी धोखे से कम नहीं है। <br /><br />-पूर्णतः सहमत आपसे. बेहतरीन विचारणीय आलेख.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-87498803094440144662009-08-03T16:13:47.912+05:302009-08-03T16:13:47.912+05:30लोकतंत्र में लोग ज़िम्मेदार होते हैं ...गर जन...लोकतंत्र में लोग ज़िम्मेदार होते हैं ...गर जनता चाहे तो बदलाव ला सकती है ...उसके लिए ,व्याक्ग्तिगत भेद भाव भुलाके एक जूट होना पड़ता है ...जहाँ कहीं vested interests होंगे , बात नही बनेगी ...लोकतंत्र है ,इसलिए हम खुले आम जो चाहे कह सकते हैं ..वरना पाकिस्तान को मद्देनज़र रखें और सोंचे ...क्या हमें हमारा वो हश्र करना है ?kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-8507720103631662912009-08-03T15:48:49.560+05:302009-08-03T15:48:49.560+05:30सारगर्भित लेख।
आज भारत सब से बड़ा लोकतंत्र है और ...सारगर्भित लेख। <br />आज भारत सब से बड़ा लोकतंत्र है और स्त्री सशक्तिकरण का अलम्बरदार...तो क्या ऐसी कोई स्त्री भारत में नहीं है जो सुकरात की तरह....:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-23170429122328715252009-08-03T13:30:01.485+05:302009-08-03T13:30:01.485+05:30भारत का लोकतन्त्र वास्तव में चिन्ता का विषय है,...भारत का लोकतन्त्र वास्तव में चिन्ता का विषय है, लेकिन किसी भी तानाशाही से लोकतंत्र श्रेष्ठ ही होता है। यदि हमारा मीडिया जाति, सम्प्रदाय की अलगाव वादी भाषा का प्रयोग नहीं करे तब शायद हम इन सबसे बच सकते हैं। अब तो हमें राजनेताओं के पीछे पड़ने से अधिक मीडिया को सुधारना होगा। जनता जब तक ऐसी भाषा सुनती रहेगी वो भी इसी भाषा को मान्यता देती रहेगी। मीडिया ही स्पष्ट आंकडे देता है जाति, धर्म के। आपने बहुत ही श्रेष्ठ लेख लिखा है मेरी बधाई स्वीकार करे।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-35998808361810249142009-08-03T12:23:45.155+05:302009-08-03T12:23:45.155+05:30व्यवस्था में सुधार की बहुत गुंजाइश है इसमें कोई सं...व्यवस्था में सुधार की बहुत गुंजाइश है इसमें कोई संदेह नहीं !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.com