tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post644413896412007848..comments2023-12-10T22:24:08.053+05:30Comments on सत्यार्थमित्र: माइक, कैमरा, एक्शन और आम आदमीसिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-85724215759778991162014-01-27T20:26:50.695+05:302014-01-27T20:26:50.695+05:30“ दूसरे दल धूर्त हैं ” कोई शक...?
लेकिन यह भी सच ह...“ दूसरे दल धूर्त हैं ” कोई शक...?<br />लेकिन यह भी सच है कि पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं। :)<br />सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-68927485927185271972014-01-23T11:55:44.685+05:302014-01-23T11:55:44.685+05:30चलिए कम से कम आपने ये तो माना कि दूसरे दल धूर्त है...चलिए कम से कम आपने ये तो माना कि दूसरे दल धूर्त हैं :)<br />२८ दिसंबर को केजरीवाल ने कुर्सी सम्हाली है, एक महीने से भी कम समय में फिछले ६५ साल की गन्दगी साफ़ करना आप ही बताईये, क्या आसान है ??<br />एक शर्ट भी आप ड्राई क्लीनिंग के लिए देते हैं तो ड्राई क्लीनिंग वाला आपसे एक हफ्ता ले लेता है और आप उससे सवाल भी नहीं करते । केजरीवाल को भी समय दीजिये । <br />जिस भारत की रग-रग में पिछले कई दशकों से भ्रष्टाचार ने अपनी जड़ें फ़ैलाई हुई है, पूरे देश की आर्थिक और नैतिक व्यवस्था चरमरा चुकी है, फिर भी युवा वर्ग आशान्वित हैं.। और आप कहते हैं उनका सम्बल महीने भर में टूट सकता है ??? आप इतने मायूस न हों, न हमारे युवा इतने कमज़ोर हैं न ही 'आप'। रास्ता कठिन है लेकिन यही क्या कम है कि रास्ता भी है और हमराह भी .…… स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-87364352826563766112014-01-22T22:01:08.701+05:302014-01-22T22:01:08.701+05:30काश आपका आशावाद फलित होता। मैं बहुत खुश होता तब।काश आपका आशावाद फलित होता। मैं बहुत खुश होता तब।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-72360401381129281172014-01-22T21:59:58.686+05:302014-01-22T21:59:58.686+05:30अगर केजरीवाल का प्रयोग असफल हो गया तो यह देश की यु...अगर केजरीवाल का प्रयोग असफल हो गया तो यह देश की युवा पीढ़ी के लिए एक बड़ा आघात होगा। लंबी अवधि की सड़ांध भरी राजनीति के बन्द नाले की सफाई का एक अवसर दिख रहा था जिसके लिए बहुत सतर्क और कुशल कार्य संचालन की आवश्यकता थी, सटीक हथियार और मशीनरी के प्रयोग की आवश्यकता थी, लेकिन केजरीवाल साहब इसके बजाय दूसरे दलों को राजनीति सिखाने के चक्कर में पड़ गये और फिलहाल इन धूर्त दलों की राजनीति का खुद ही शिकार हो गये लगते हैं।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-24905944622926205972014-01-22T20:08:28.469+05:302014-01-22T20:08:28.469+05:30डॉ साहेब, हमारे मन की बात आप कह गए :)
औरों के लिए ...डॉ साहेब, हमारे मन की बात आप कह गए :)<br />औरों के लिए १० साल के एक्सपीरिएन्स के बाद स्वच्छता हासिल की दलील देना और इनके एक महीने के एक्पीरियंस से ही अराजकता का तमगा पहना देना :):)<br />बात कुछ अजीब नहीं है :)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-81341285935686059582014-01-22T19:41:55.364+05:302014-01-22T19:41:55.364+05:30हद है पूरा जीवन बीत जाने के बाद भी जहाँ सार्थकता/उ...हद है पूरा जीवन बीत जाने के बाद भी जहाँ सार्थकता/उपलब्धि के नाम पर लोग ठनठन गोपाल ही रहते हैं वहाँ यह कहना कि एक माह में सब कुछ दिख गया -हजम नहीं हुआ! Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-74654652155195014932014-01-22T19:38:38.843+05:302014-01-22T19:38:38.843+05:30"जिस सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने उन..."जिस सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने उन्हें आँखों पर बिठाया वही उनका उपहास करने लगी है।"<br />लोकसभा चुनाव नजदीक है -मीडिया बिक गयी है ! चैनेलों पर हास्यास्पद और फूहड़ता की हद तक जाकर केजरीवाल का प्रायोजित विरोध मुखर हो रहा है -<br />मुझे लग रहा है आप केजरीवाल की बुद्धि और क्षमताओं को हलके में ले रहे हैं -<br />आगे आगे देखिये होता है क्या ? कांग्रेस को उसी के जाल में उलझा कर निष्प्राण करने की रणनीति लगती है मुझे!<br />Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-37280327636075630882014-01-22T18:21:04.700+05:302014-01-22T18:21:04.700+05:30विगत ६५-६७ वर्षों से सत्ता में होकर भी कांग्रेस ईम...विगत ६५-६७ वर्षों से सत्ता में होकर भी कांग्रेस ईमानदार नहीं हो पायी, और कई वर्षों से बीजेपी विपक्ष में होकर भी कांग्रेस को सबक नहीं सिखा पाई, जब आजादी के इतने वर्षों बाद और इतने चुनावों के बाद भी हम ये तय नहीं कर पाये कि हमारे लिए कौन सही है, तो ये नए लोग जुम्मा-जुमा आठ दिन में क्या करेंगे, वो भी तब जब इनको काम नहीं करने देने की साज़िश की हवा पुरज़ोर है.… स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-61873020268792584142014-01-22T16:35:04.443+05:302014-01-22T16:35:04.443+05:30सब अपने अपने आकाश सँवारें, अपेक्षायें यथानुरूप रखे...सब अपने अपने आकाश सँवारें, अपेक्षायें यथानुरूप रखें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-16942628136357218952014-01-22T14:49:50.143+05:302014-01-22T14:49:50.143+05:30जब हम उमीदें लगाते हैं तो इतनी ऊंची की किसी को भगव...जब हम उमीदें लगाते हैं तो इतनी ऊंची की किसी को भगवान का दर्जा देने लगते हैं ... जब की इन्सान मानवीय दुर्बलताओं के साथ ही रहता है ... फिर ऐसी दुर्बलताएँ जब सामने आती हैं तो हमारा मोहभंग होने लगता है ... हम नेता नहीं भगवान ढूंढते हैं ... जिसके सहारे सब समस्याएं एक ही दिन में आसानी से निपट जाएंगी ... आजादी के बाद भी ऐसा ही हुआ ... जागृत नहीं रहते हम और छले जाने की शिकायत करते हैं ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-56628764231683760052014-01-22T14:02:07.081+05:302014-01-22T14:02:07.081+05:30उपहास के लायक ही काम कर रहे अब .......... उपहास के लायक ही काम कर रहे अब .......... मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-5099051975183379642014-01-22T12:04:10.024+05:302014-01-22T12:04:10.024+05:30ईमानदारी या स्वच्छ प्रशासन का निर्णय तभी सम्भव ...ईमानदारी या स्वच्छ प्रशासन का निर्णय तभी सम्भव है जब आप कम से कम दस वर्ष तक सत्ता में रहें। लेकिन यहां तो महिना भर ही नहीं हुआ कि आपने सारे ही रंग दिखा दिये। यह अराजकता है, इससे देश को उबरना चाहिए, ऐसा ना हो कि कहीं बहुत देर हो जाए और देश के अराजक तत्व एकत्र होकर देश के लिए घातक बन जाएं। <br />2-3 फरवरी को लखनऊ में हूं, क्या आपसे मिलना हो सकेगा?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-20616679789567537702014-01-21T19:16:00.714+05:302014-01-21T19:16:00.714+05:30आप ने उपाय तो अच्छे सुझाए हैं, लेकिन इन सभी उपायों...आप ने उपाय तो अच्छे सुझाए हैं, लेकिन इन सभी उपायों से इसका आधा प्रचार भी नहीं मिलता. क्योंकि इनमें से कोई भी लीक से हटकर नहीं है. वैसे भी, यह कोशिश कोई सूरत बदलने की तो है नहीं. इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-52461062770936199692014-01-21T19:12:51.906+05:302014-01-21T19:12:51.906+05:30जवाब मांगने वाली भीड़ के बजाय वे अब जवाब देने वाली ...जवाब मांगने वाली भीड़ के बजाय वे अब जवाब देने वाली कुर्सी पर बैठे है .... सम्भवतः समय लगेगा इसे स्वीकार करने , सधा हुआ विवेचन डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.com