tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post6415115495431193884..comments2023-12-10T22:24:08.053+05:30Comments on सत्यार्थमित्र: मेरा मन क्यूँ छला गया…?सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-63906745605775478472011-11-24T23:40:07.839+05:302011-11-24T23:40:07.839+05:30यथार्थ का प्रभावी और प्रवाहपूर्ण चित्रण हुआ है इस ...यथार्थ का प्रभावी और प्रवाहपूर्ण चित्रण हुआ है इस रचना में बधाई।अमिताभ त्रिपाठी ’ अमित’https://www.blogger.com/profile/12844841063639029117noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-14674545197087484852011-11-16T23:44:42.308+05:302011-11-16T23:44:42.308+05:30मेरे लिए सुखद आश्चर्य है यह...
यह पहली बार आपकी र...मेरे लिए सुखद आश्चर्य है यह...<br /><br />यह पहली बार आपकी रची कोई कविता/गीत पढ़ रही हूँ...नहीं तो मेरा इम्प्रेशन तो यही था कि आप गद्य ही लिखते हैं...<br /><br />पर पद्य... और वह भी इतना सुन्दर, इतना भावपूर्ण और मनमोहक....बस.... वाह वाह वाह...<br /><br />मुग्ध ही कर लिया आपकी इस अप्रतिम गीत ने...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-11144689492686539812011-11-11T13:30:53.284+05:302011-11-11T13:30:53.284+05:30क्या बात हैक्या बात हैBatangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-90074902487801852152011-11-09T21:54:04.094+05:302011-11-09T21:54:04.094+05:30भावों और शब्दों का काबिले तारीफ मिश्रण. हालाँकि पो...भावों और शब्दों का काबिले तारीफ मिश्रण. हालाँकि पोस्ट तो पहले ही पढ़ लिया था,लेकिन मेरे विचार से ब्लॉग के इस सर्वोत्तम पोस्ट पर टिप्पड़ी करने में मैंने थोड़ी देर कर दी.Harshkant tripathihttps://www.blogger.com/profile/15441547683065761377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-1848921595791992892011-11-05T11:10:03.061+05:302011-11-05T11:10:03.061+05:30हृदयस्पर्शी!
आँसू देने की कोशिश में खुद भी अश्रु ब...हृदयस्पर्शी!<br />आँसू देने की कोशिश में खुद भी अश्रु बहाते हैं<br />निश्छल को छलने वाले भी चैन कहाँ फिर पाते हैंSmart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-24074117364943546792011-11-02T21:05:37.403+05:302011-11-02T21:05:37.403+05:30ultimate..:-)ultimate..:-)Dilli Ka Thaghttps://www.blogger.com/profile/10389887888309734557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-86100948856289661692011-11-01T20:00:04.540+05:302011-11-01T20:00:04.540+05:30बेहतरीन !बेहतरीन !सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-62450535928857765422011-11-01T16:49:16.089+05:302011-11-01T16:49:16.089+05:30ओक्टुबर चला गया.ऐसे ही बाकी महीने भी चले जायेंगे क...ओक्टुबर चला गया.ऐसे ही बाकी महीने भी चले जायेंगे कुछ बदलेगा कुछ नहीं.जीवन ही छलावा है.<br />बहुत प्रभावशाली अभिव्यक्ति.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-84687064426344763612011-11-01T14:42:25.584+05:302011-11-01T14:42:25.584+05:30@लेकिन था सब दिवास्वप्न जो पलक झपकते टला गया
मेर...@लेकिन था सब दिवास्वप्न जो पलक झपकते टला गया<br /><br />मेरा मन फिर छला गया।..<br />बहुत बेहतरीन,आभार.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-85931753936048184252011-11-01T11:24:21.171+05:302011-11-01T11:24:21.171+05:30बड़ा जालिम रहा पिछला महीना।बड़ा जालिम रहा पिछला महीना।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-57156300645311066282011-11-01T09:05:04.802+05:302011-11-01T09:05:04.802+05:30बहुत प्रभावी रचना, बधाई।बहुत प्रभावी रचना, बधाई।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-36899528956551213862011-11-01T08:26:09.550+05:302011-11-01T08:26:09.550+05:30वाह!
शानदार गीत का सृजन किया है संवेदनशील मन ने। ...वाह! <br />शानदार गीत का सृजन किया है संवेदनशील मन ने। घर, पड़ोस, गांव, समाज और राष्ट्र की दिशा दशा का समग्र चिंतन प्रस्तुत करती, मन हरती इस अभिव्यक्ति के लिए आपको बहुत बधाई।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-814902056795060922011-11-01T08:00:30.387+05:302011-11-01T08:00:30.387+05:30भोला मन कई बार समझ ही नहीं पाता कि छला गया.भोला मन कई बार समझ ही नहीं पाता कि छला गया.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-45565204673980808982011-11-01T07:24:39.115+05:302011-11-01T07:24:39.115+05:30बहुत ही खूबसूरत और प्रभावशाली रचना|बहुत ही खूबसूरत और प्रभावशाली रचना|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-89970353124378791212011-11-01T07:22:05.364+05:302011-11-01T07:22:05.364+05:30@और हाँ राग दरबारी का गवैया एक सामयिक समीचीन संदर्...@और हाँ राग दरबारी का गवैया एक सामयिक समीचीन संदर्भ तो है मगर क्या यहाँ राग दरबारी का सुनवैया हो सकता है ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-35015542476817543202011-11-01T07:19:38.983+05:302011-11-01T07:19:38.983+05:30बहुत ही खूबसूरत और प्रभावशाली रचना -ऐसी रचनाएं वि...बहुत ही खूबसूरत और प्रभावशाली रचना -ऐसी रचनाएं विरल ही देखने को मिलती हैं ब्लॉग जगत में ....बधाई ! <br />मन छला जाय तो चलो निभ भी जाय मगर छिला जाय तो गनीमत नहीं ..आगे की किसी ऐसी संभावना से बचाईये उसे :DArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-70044057223434759622011-11-01T06:51:00.895+05:302011-11-01T06:51:00.895+05:30सारे रंग हैं दुनियाँ में। छलना भी एक रंग है!सारे रंग हैं दुनियाँ में। छलना भी एक रंग है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-48501624916232890322011-11-01T03:42:32.925+05:302011-11-01T03:42:32.925+05:30सुंदर गीत रचा है।
जगत ही छलना है तो बार-बार लगात...सुंदर गीत रचा है। <br /><br />जगत ही छलना है तो बार-बार लगातार छला जाएगा ही यह मन। धीरज धरिए :)Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-91125640649258066342011-10-31T23:43:22.935+05:302011-10-31T23:43:22.935+05:30जब कोई दरबारी राजा बन जाए तो उसे राग-द्वेष से क्या...जब कोई दरबारी राजा बन जाए तो उसे राग-द्वेष से क्या काम। बस,.... निर्मोही की तरह सब को छोड देगा॥ ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.com