tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post3837520133197356043..comments2023-12-10T22:24:08.053+05:30Comments on सत्यार्थमित्र: “नहीं, ये सरासर झूठ है…”सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-17571369012727086812008-11-23T14:56:00.000+05:302008-11-23T14:56:00.000+05:30…थोड़ा लिखना ज्यादा समझना….samajh gaye ji!!!!!!!बड़े...…थोड़ा लिखना ज्यादा समझना….<BR/><BR/><BR/>samajh gaye ji!!!!!!!<BR/><BR/><BR/>बड़े पते की बात!!!!!<BR/><BR/><BR/><BR/>बहुत खूब तस्वीर!!!!!!<BR/><BR/><BR/><BR/>आप नौकरी छोड़कर ब्लॉगरी थाम लीजिए!!!!!!!प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-74618427642081040862008-11-22T23:42:00.000+05:302008-11-22T23:42:00.000+05:30bahas me chahe koi bhi jita ho, lekin such yehi ha...bahas me chahe koi bhi jita ho, lekin such yehi hai -<BR/><BR/>“वो ये कि जो लोग रोज एक पोस्ट ठेल रहे हैं, या सैकड़ो ब्लॉग पढ़कर कमेण्ट कर रहे हैं, उनमें लगभग सभी या तो कुँवारे हैं, निपट अकेले हैं; या बुढ्ढे हैं।”Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-44359450108593088912008-11-22T16:01:00.000+05:302008-11-22T16:01:00.000+05:30मै रोज शाम को करीब तीन घण्टे यहां खराब करता हू, ओर...मै रोज शाम को करीब तीन घण्टे यहां खराब करता हू, ओर बस टिपण्णियां ही देता हू, लेख पढा, सोचा( दुसरो की टिपण्णीयो की नकल नही मारता)कई बार समझ मै नही आता, ओर मुस्किल से १०, १२ टिपण्णीया ही दे पाता हुं, अब आप की बात लोग रोजाना लेख भी ठेलते है, ओर टिपाण्णिया भी ? मुझे लगता हे, उन्होने कोई नोकर रखा होगा, इस से आगे मेरी सोच काम नही करती...राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-49582351899294887062008-11-22T14:07:00.000+05:302008-11-22T14:07:00.000+05:30कुँवारे हैं, निपट अकेले हैं, बुढ्ढे भी नहीं हैं,नौ...कुँवारे हैं, निपट अकेले हैं, बुढ्ढे भी नहीं हैं,नौकरी भी करते हैं... पर रेगुलर बिल्कुल नहीं ! शादी कर ली तो पक्का बंद ही हो जायेगी :-)<BR/><BR/>वैसे ये ब्लॉग्गिंग जो ना उगलवा दे... भला हुआ जो आप अंत-अंत में संभल गए :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-35417145398399732962008-11-22T13:41:00.000+05:302008-11-22T13:41:00.000+05:30बहुत खूब तस्वीर खींची है, सिद्धार्थ जी.कुश कुंवारे...बहुत खूब तस्वीर खींची है, सिद्धार्थ जी.<BR/><BR/>कुश कुंवारे हैं तो जी गए. तर्क करने की बात आती तो मैं नहीं जीत पाता. अच्छा है जो मुझे तर्क करने की जरूरत नहीं पड़ती. मैं तो ब्लागिंग से सम्बंधित सारे 'कार्य' आफिस में ही करता हूँ. इसीलिए आजतक चलाये जा रहा हूँ.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-89903772157992149542008-11-22T12:06:00.000+05:302008-11-22T12:06:00.000+05:30हमारा भी एक ऐसा ही विवाद हुआ था.. पर हम जीत गये थे...हमारा भी एक ऐसा ही विवाद हुआ था.. पर हम जीत गये थे..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-68150293482499846562008-11-22T10:37:00.000+05:302008-11-22T10:37:00.000+05:30इतना टाइम तो देते हैं, ...अभी भी कम पड़ रहा है क्या...इतना टाइम तो देते हैं, ...अभी भी कम पड़ रहा है क्या? ...अब यही बचा है कि हमसब कहीं और चले जाँय और आप नौकरी छोड़कर ब्लॉगरी थाम लीजिए। ...बस्स”<BR/><BR/>" ha ha ha ha enjoyed reading this post, vaise upper rai shee de gyee hai ha ha "<BR/><BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-77495157670444956372008-11-22T09:58:00.000+05:302008-11-22T09:58:00.000+05:30हाहाहा! मनोरंजक, और ज्ञानचक्षुखोलक :)वैसे मैं शादी...हाहाहा! मनोरंजक, और ज्ञानचक्षुखोलक :)<BR/>वैसे मैं शादीशुदा नहीं हूं, और जब भी निठल्ला होता हूं, ब्लोगरी पर कुछ खासा ही ध्यान देता हूं। तो शायद मोहतरिमा ठीक ही कह रही हैं! :)Anil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-5243318312485430052008-11-22T08:21:00.000+05:302008-11-22T08:21:00.000+05:30ये बात तो है। अधिक व्यस्त लोग इतना पोस्ट न तो ...ये बात तो है। अधिक व्यस्त लोग इतना पोस्ट न तो लिख सकते हैं , न पढ और न ही कमेंट कर सकते हैं।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-6251714216356997022008-11-22T07:19:00.000+05:302008-11-22T07:19:00.000+05:30बहुत सटीक लिखा है आपनेबहुत सटीक लिखा है आपनेAadarsh Rathorehttps://www.blogger.com/profile/15887158306264369734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-47929610873859627302008-11-22T06:20:00.000+05:302008-11-22T06:20:00.000+05:30बड़े पते की बात, ब्लॉगरी कुंवारे/अकेले और बुड्ढे लो...बड़े पते की बात, ब्लॉगरी कुंवारे/अकेले और बुड्ढे लोगों की चीज है।<BR/>जहां लिखने का उत्तम मसाला (दो नन्हे बच्चों के सानिध्य में) जेनरेट होता है, वहां ब्लॉगरी का समय नहीं, और जहां कोई गहन अनुभव नहीं - वहां लोग ठेले जा रहे हैं पोस्टें!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com