tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post3186339805208190722..comments2023-12-10T22:24:08.053+05:30Comments on सत्यार्थमित्र: वर्धा में अम्बेडकर को याद करने का तरीका अनूठा था…सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-49127636500001275002010-05-18T07:37:47.066+05:302010-05-18T07:37:47.066+05:30सुन्दर रपट है। विवरण देने में आप सिद्ध माउस हैं। ज...सुन्दर रपट है। विवरण देने में आप सिद्ध माउस हैं। जय हो।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-69550271216597662532010-05-11T16:48:17.529+05:302010-05-11T16:48:17.529+05:30शानदार कार्यक्रम की जानदार रिपोर्टिंग।
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कौ...शानदार कार्यक्रम की जानदार रिपोर्टिंग।<br />--------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">कौन हो सकता है चर्चित ब्लॉगर?</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">पत्नियों को मिले नार्को टेस्ट का अधिकार?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-71901993035588350582010-05-08T22:25:34.469+05:302010-05-08T22:25:34.469+05:30वर्धा वृतांत अच्छा लगावर्धा वृतांत अच्छा लगाPawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-44590908401107827032010-05-07T17:22:56.259+05:302010-05-07T17:22:56.259+05:30बहुत बढ़िया लिखा/रचा जी!बहुत बढ़िया लिखा/रचा जी!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-29530104049091493842010-05-07T12:53:56.627+05:302010-05-07T12:53:56.627+05:30क्या कहें सिद्धार्थ जी, इस ब्लॉग की संस्मरणात्मक ल...क्या कहें सिद्धार्थ जी, इस ब्लॉग की संस्मरणात्मक लेखमालाओं ने कितना ज्ञानवर्धन किया... सबसे बड़ी बात इतिहास और वर्तमान के संघर्ष और उनके अध्ययन को जानने समझने के लिए की गयी इस यात्रा की सुखद अनुभूति हमें भी हो रही है...<br /><br />गांधी जी, वर्धा के सेवाग्राम आश्रम, डा. अम्बेडकर, वर्धा का ऐतिहासिक महत्व, नुक्कड़ नाटक, दोहे और प्रस्तुतियां, विभिन्न विचारकों का आपसी संवाद इत्यादि - एक संग्रहणीय पोस्ट के लिए बहुत बधाई आपको. सभी चित्र मोहक लग रहे हैं और आपकी मेहनत भी काबिले-गौर है.<br />- सुलभSulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-51027751467379446602010-05-06T06:34:10.499+05:302010-05-06T06:34:10.499+05:30वाह! बड़े गज़ब की रही आपकी यह यात्रा तो. खासकर वह ...वाह! बड़े गज़ब की रही आपकी यह यात्रा तो. खासकर वह अल्पाहार-गृहSmart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-57859194957769646032010-05-05T20:24:29.849+05:302010-05-05T20:24:29.849+05:30ज्ञानवर्धक वृतान्त ।ज्ञानवर्धक वृतान्त ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-3553895766934717372010-05-05T15:59:27.373+05:302010-05-05T15:59:27.373+05:30सचमुच सिद्धार्थ जी,आपने तो कमाल कर दिया। वर्धा की ...सचमुच सिद्धार्थ जी,आपने तो कमाल कर दिया। वर्धा की इतनी सुन्दर पेन्टिंग तो शायद मकबूल फिदा हुसैन भी न बना पाते। ढेरों बधाईयां।विनोद शुक्ल-अनामिका प्रकाशनhttps://www.blogger.com/profile/18173585318852399276noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-19598615142940707482010-05-05T15:41:38.591+05:302010-05-05T15:41:38.591+05:30इस सुंदर विवरण के लिये ओर सुंदर चित्रो के लिये आप ...इस सुंदर विवरण के लिये ओर सुंदर चित्रो के लिये आप का धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4959245896522980751.post-83050084867809330942010-05-05T15:02:21.517+05:302010-05-05T15:02:21.517+05:30आपकी यह रिपोर्ट संग्रहणीय व् प्रेरक है. इससे पता च...आपकी यह रिपोर्ट संग्रहणीय व् प्रेरक है. इससे पता चलता है कि वर्धा की पथरीली जमीन पर सामाजिक चेतना के फूल खिल रहे हैं. <br /> बाबा साहब के जन्म दिन के उत्सव का रोचक वर्णन, सेवाग्राम आश्रम के बारे में जानकारी, प्राकृतिक आहार केंद्र, प्रोफेसर श्री निवास खान्देवाले के विचार तथा रविनागर एंड ग्रुप की कविताओं का वर्णन सभी अद्भुत व् मंत्रमुग्ध कर देने वाला है.<br /><br />जीवन को अर्था रहा, गूंगा बहरा मौन।<br />किसने देखा राम को, रमता जोगी कौन॥<br /><br />..वाह! <br />..इस नायाब रिपोर्टिंग के द्वारा जानकारी देने के लिए हम आपके आभारी हैं.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.com