अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।
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कड़ी ठण्ड से पीछा छूटा
सर्दी से गठ बंधन टूटा अब अलाव है नहीं जरूरी दूर हुई सबकी मज़बूरी बच्चे अब भरते किलकारी अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।1।
बिस्तर से हट गयी रजाई
हीटर की हो गयी विदाई कम्बल भी बक्से में सोया सबने ऊनी स्वेटर धोया अब सूती कपड़ों की बारी अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।2।
एक सूट खबरों में आया
लाखों जिसका दाम बताया मचा मीडिया में कोहराम फिर वो सूट हुआ नीलाम दाम करोड़ों दें व्यापारी अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।3।
अच्छे दिन वाली सरकार
भरने लगी विजय हुंकार आम आदमी ने रथ रोका दिल्ली की जनता ने टोका दम्भ पड़ गया इसको भारी अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।4।
बढ़ा शादियों का भी जोर
विकट बराती हैं चहुँ ओर फागुन की मस्ती में झूमें चाहें नर्तकियों को चूमें लठ्ठम लठ्ठा गोली बारी अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।5।
बोर्ड परीक्षा शुरू हुई है
शुचिता जिसकी छुई मुई है अजब नकलची गजब निरीक्षक सॉल्वर बन बैठे हैं शिक्षक दस्ता सचल करे बटमारी अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।6।
राजनीति में फँसा बिहार
लालू जी की टपकी लार संख्या बल में इतनी खूबी माझी की ही नैया डूबी फिर नितीश को मिली सवारी अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।7।
संसद में घिरती सरकार
भूमि अधिग्रहण को तैयार अन्ना जी फिर मंचासीन धरना में फिर सीएम लीन छुट्टी पर बेटा-महतारी अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।8।
क्रिकेट कुम्भ आरम्भ हुआ है
सौ करोड़ की यही दुआ है टीम इंडिया रख ले लाज बिश्व विजेता हो अंदाज दिखती है अच्छी तैयारी अहा ! फरवरी कितनी प्यारी।9।
(सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी)
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शोध, शोध, समीक्षा तथा आलोचना की अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका शिवना साहित्यिकी का
वर्ष : 9, अंक : 33 अप्रैल-जून 2024 अंक
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मित्रों, संरक्षक एवं सलाहकार संपादक- सुधा ओम ढींगरा, संपादक- पंकज सुबीर,
कार्यकारी संपादक- शहरयार, सह संपादक- शैलेन्द्र शरण, आकाश माथुर के संपादन
में शोध...
18 घंटे पहले