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शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2010

त्रिवेणी महोत्सव आला रे…

 

प्रयाग का माघ मेला समाप्त हो चुका है। मेला प्रशासन मेला सकुशल सम्पन्न होने की खुशी मनाने और धन्यवाद ज्ञापन हेतु सत्यनारायण की कथा आयोजित कराकर और प्रसाद का वितरण कराकर सुदीर्घ परम्परा का निर्वाह कर चुका है। सारे तम्बू उखड़ चुके हैं और करीब दो माह तक गंगा तट के बालू के ऊपर बसा रहा माघमेलानगर अपने हजारों पटकुटीरों (Tents),  कनातों, टिनघेरे से बनी दुकानों, बाँस-बल्लियों से बने अहातों, रेशमी झालर वाले भव्य शामियानों, उनमें सजी ऊँची व्यास गद्दियों, उनपर बैठने वाले त्रिपुण्डधारी महन्थों और प्रवचन कर्ताओं, रामलीला मंचों, नाटक मण्डलियों, दानी-धर्मी कल्पवासियों और दूर दूर से आये भिखारियों को विदा करने के बाद अब अस्थायी रूप से निर्मित सड़कों पर बिछी लोहे की चेकर्ड प्लेटों को भी उटवकर गोदाम भेंज चुका है। यमुना की सतह पर लहरों के साथ उठती गिरती दूर-दूर तक सफ़ेद चादर सी पसरी हुई प्रवासी पक्षियों की वृहद्‌ मण्डली भी अपनी केलि-क्रीड़ा समेटते हुई क्षीण होने लगी है

जाड़े का मौसम विदा ले रहा है, वसन्त अपनी रवानी पर है, फागुन की मस्ती से दिशाएं सराबोर हैं और देश की जनता हर हाल में अपने मनोरंजन के लिए उतावली है। बड़ी-बड़ी सरकारें इस कार्य में सहयोग हेतु कमर कस चुकी है और फिल्मों की रिलीज के लिए पुलिस वाले भी मुस्तैद कर दिए गये हैं। इधर छठे वेतन आयोग की कृपा से सरकारी कर्मचारी भी बढ़े हुए वेतन का एरियर भँजा रहे हैं। वित्त वर्ष समाप्त होने तक सरकारी विभाग, नेता, मन्त्री, ठेकेदार, माफ़िया, व्यापारी, थानेदार, इन्स्पेक्टर आदि अपना-अपना लक्ष्य पूरा करने की होड़ में जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। आयकर विभाग भी रसूखदार लोगों की नींद उड़ाकर लंठई पर उतारू है। मजनता खबर पढ़कर मुस्करा रही है। देश क्रिकेट में जीत की खबर से भी खुशी में पागल हुआ जा रहा है। सारे चैनेल बम विस्फोट भूलकर कलकत्ता के कमाल पर कलरव कर रहे हैं। वाह क्या माहौल है…!

इसी मनभावन माहौल में मेरे मिनी महानगर में महोत्सव की महक बिखरने वाली है। जी हाँ, प्रयाग की पुण्य भूमि पर अगले सात दिनों तक कला, शिल्प और संस्कृति का संगम होने जा रहा है- त्रिवेणी महोत्सव। देश-विदेश के ख्यातिनाम कलाकार, गायक, कवि, गीतकार और शायर  अपने फन से इलाहाबाद के दर्शकों और श्रोताओं का मन लुभाने आ रहे हैं।

 

आमन्त्रण पत्र - मुखपृष्ठ

ये प्रसिद्ध कलाकार कौन-कौन से हैं और कौन-कब आ रहे हैं इसे जानने के लिए नीचे के चित्र पर चटका लगाइए। प्रारम्भ होने का समय तो रोज ही साढ़े छः बजे सायं से है लेकिन अन्त होने का समय किसी को नहीं मालूम।

आमन्त्रण पत्र - कार्यक्रम विवरण

यद्यपि त्रिवेणी महोत्सव तो वर्षों से होता रहा है लेकिन इसे अत्यन्त भव्य कार्यक्रम में बदलने का श्रेय यहाँ के पूर्व जिलाधिकारी आशीष गोयल जी को जाता है। उनके अगले उत्तराधिकारी राजीव अग्रवाल जी ने उसे नयी ऊँचाई दी और अब वर्तमान डी.एम. संजय प्रसाद जी ने इसे अभूतपूर्व उत्कृष्टता प्रदान कर दी है। पता चला है कि तीन साल पहले जब इसे ताज महोत्सव की तर्ज पर आयोजित करने का विचार बना उस समय संजय प्रसाद जी ही आगरा में डी.एम. थे और तीसरी बार ताज महोत्सव का कुशल संचालन कर रहे थे।

आमन्त्रण पत्र - पृष्ठ भाग

यमुना नदी के तट पर शहर की ओर जो ऊँचा बाँध बना है उससे नदी की ओर के ढलान पर कुर्सियाँ लगी हैं, बोट क्लब भवन के सामने। नदी की धारा को अपने नेपथ्य में दिखाता पानी में खड़ा विशाल मंच अपने दायें-बायें यमुना जी पर बने नये और पुराने दो पुलों पर सजी रोशनी के साथ जो आकार लेकर एक विलक्षण दृश्य उत्पन्न करता है उससे चमत्कृत हुए बगैर नहीं रहा जा सकता। इस विशाल मंच को तैयार करने वाली कम्पनी वही है जिसने लन्दन में आइफा एवार्ड्स का भव्य सेट तैयार किया था। सुना है कि उद्‌घाटन के बाद पहली रात के कार्यक्रम में श्रेया घोषाल इस विशाल मंच पर सीधे रेलगाड़ी के डिब्बे से उतरेंगी।

जानता तो बहुत कुछ हूँ, लेकिन कार्यक्रम देखकर आने के बाद ही सच्ची रिपोर्ट देना चाहूंगा। वैसे देर रात तक जागकर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों का आनन्द लेने और दिन में ऊंघते हुए कोषागार की नौकरी बजाने के बीच ब्लॉग पर पोस्ट ठेलना कितना सम्भव हो पाएगा यह तो समय ही बताएगा। लेकिन आप कार्यक्रम का विवरण देखकर आसानी से अनुमान कर सकते हैं कि अगले सात दिन (बल्कि सात रातें) कितने विलक्षण होने वाले हैं जब एक के बाद एक हमारी सांस्कृतिक पहचान के रौशन सितारे इलाहाबाद की जमीन पर अपने पाँव रख रहे होंगे। …तो आइए यदि आप इलाहाबाद या इसके आसपास हैं तो इस महोत्सव का भरपूर आनन्द उठाइए। वैसे दूर वालों को भी कोई मनाही नहीं है।

नोट: यह सबकुछ मुफ़्त में देखने को मिलेगा। कोई टिकट नहीं है लेकिन कुर्सियों की संख्या सीमित है। भीड़ ज्यादा बढ़ने पर वहाँ खड़ा रहना पड़ सकता है, या बाहर की सड़कों पर लगे विशाल साइट स्क्रीन्स को देखकर संतोष करना पड़ सकता है। कुछ लोग तो अपने-अपने घरों में बैठे केबल नेटवर्क पर सीधा-प्रसारण देखना ही पसन्द करते हैं। :)

(सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी)

20 टिप्‍पणियां:

  1. वाह भव्य आयोजन लगता है -लोकेशन और भव्यता को विजुअलायिज कर पा रहा हूँ -आगे की रिपोर्ट का इंतजार है .

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  2. हम इधरै से देख लेंगे। सिद्धार्थ महाराज रिपोर्टिंग करबै करेंगे। :)

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  3. मालिनी अवस्थी की रिकॉर्डिंग उपलब्ध करवा सकोगे बन्धु ?

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  4. मैंने अभी कल ही अख़बारों में इसकी भव्यता के विज्ञापन देखे.

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  5. बढ़िया विवरण...कवि सम्मेलन का कार्यक्रम नहीं दिखा वरना हम भी रिकार्डिंग की फरमाईश कर मारते!

    लुत्फ उठाईये!

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  6. समीर जी, कविसम्मेलन के बिना महोत्सव कैसा? यहाँ अखिल भारतीय मुशायरा २१ फरवरी को और कवि सम्मेलन २२ फरवरी को है। देश के सबसे बड़े कवि और शायर पधार रहे हैं। बता दूँ कि ये दो कार्यक्रम हिन्दुस्तानी एकेडेमी के सौजन्य से हो रहे हैं।

    ऑफिसियल रिकॉर्डिंग तो होगी ही, बस खुद रिकॉर्ड करने पर सुनने देखने का मजा खराब हो जाता है।

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  7. विस्तृत सूचना के लिए धन्यवाद! लाइव देखना अच्छा अनुभव होगा.

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  8. ब्हुत सुंदर क्या नेट पर भी इसे देख सकते है? कोई लिंक वगेरा....

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  9. आप व्यवस्था करें तो हम ब्लॉग पर देखना पसंद करेंगे :)

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  10. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    इसे 20.02.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह ०६ बजे) में शामिल किया गया है।
    http://chitthacharcha.blogspot.com/

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  11. इस साल कार्ड वार्ड नहीं मिला? - रीता पाण्डेय

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  12. मुशायरा और कवि सम्मेलन देखने हम भी पहुँचेंगे।
    पास तो आपसे झटक ही लिया है।

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  13. बढियां जानकारी ...आना तो मुश्किल है हाँ आपके रिपोर्टिंग की बेसब्री से प्रतीक्षा रहेगी.
    ..धन्यवाद.

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  14. badiya hai,

    bhai ji hamare pass to bilkul bhi time nahi hai.

    aapke madhyam se hi kcuh mile to swikar hai. :)

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  15. shandar prastuti triveni mahotsav ke subharambh ka. mai to padh kar hi khush hua,waha hone wale karyakramo ka vivaran kuchh photographs ke sath yade blog tak pahucha denge to mujh jaise kuchh log iska rasasvadan blog ke madhyam se hi kar lenge......

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  16. वहां आकर सधे सीधे देख तो न पायेंगे,पर आपके रपट की प्रतीक्षा रहेगी...आपही के आँखों हम उक्त भव्य आयोजन की झलकियाँ देख संतुष्ट होने का प्रयास करेंगे...

    अग्रिम आभार !!!

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  17. वहां आकर सधे सीधे देख तो न पायेंगे,पर आपके रपट की प्रतीक्षा रहेगी...आपही के आँखों हम उक्त भव्य आयोजन की झलकियाँ देख संतुष्ट होने का प्रयास करेंगे...

    अग्रिम आभार !!!

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  18. आप सभी को ईद-मिलादुन-नबी और होली की ढेरों शुभ-कामनाएं!!
    इस मौके पर होरी खेलूं कहकर बिस्मिल्लाह ज़रूर पढ़ें.

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