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सोमवार, 26 जनवरी 2009

मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व... संगम पर

 

इस बार गणतन्त्र दिवस के दिन ही प्रयाग के माघ मेले का मुख्य स्नान पर्व (मौनी अमावस्या) भी पड़ गया। इसके साथ ही सोमवती अमावस्या तथा सूर्य ग्रहण के संयोग के कारण इस बार श्रद्धालु स्नानार्थियों की ज्यादा भीड़ बढ़ने की सम्भावना भी रही है। करीब एक करोड़ लोगों द्वारा यहाँ डुबकी लगाने का अनुमान किया गया है।

कल २५ जनवरी को इसी की तैयारी के सिलसिले में मुझे भी प्रातःकाल संगम तट पर जाना हुआ। सूर्योदय की प्रथम बेला में गंगा यमुना के तट साफ-सु्थरे होकर अपार जनसमूह की प्रतीक्षा कर रहे थे। यमुना के तट से मैने मोबाइल कैमरे से कुछ तस्वीरें लीं:

 

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यमुना का शान्त किनारा जहाँ २६ को खूब चहल पहल होगी।

 

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प्रतीक्षा में नाविक जो कल कुछ ज्यादा कमा सकेंगे।

 

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काश सूर्यदेव २६ को भी ऐसी ही धूप खिलाते!

 

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चादरें भी बिछ चुकी हैं। अमावस की प्रतीक्षा ...

इधर घर के लॉन में गुलाब खिलने लगे हैं, जिन्हें कभी सबसे अधिक खतरा मेरे दो साल के बेटे सत्यार्थ से होता था। लेकिन जब उसे बताया गया कि तोड़ने पर फूल रोते हैं, तबसे उनका सबसे बड़ा रक्षक भी सत्यार्थ ही है। अब हवा से पंखुड़ियों का झड़ना भी उसे गवाँरा नहीं।

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 (सिद्धार्थ)

10 टिप्‍पणियां:

  1. तस्वीरें बहुत अच्छी आई हैं। निश्चित ही 2 मेगा पिक्सल या उससे ज्यादा का लैंस होगा।
    बेटे को आपने बहुत न्यारी नसीहत दी। बेटे पर उसके असर की सूचना भी महत्वपूर्ण है
    सत्य का अर्थ समझ कर अपने नाम को यूंही जिंदगी भर सार्थक करता रहे। उसे आशीष, आपको शुक्रिया।

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  2. सुन्दर तस्वीरें.

    आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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  3. बहुत सुंदर तस्‍वीरें......गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

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  4. आज तो बड़ा कोहरा था जी। रेलगाड़ियों की चाल दिन भर मायूस करती रही।

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  5. और यह नीचे की पहली फोटो बड़े सुन्दर फूल की है! :)

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  6. और यह नीचे की पहली फोटो बड़े सुन्दर फूल की है! :)

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  7. चलिये आप ने घर बेठे हमे यमुना जी के दर्शन करवा दिये, धन्यवाद इन सुंदर चित्रो के लिये.
    आप को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

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  8. सही है जी, इसी बहाने मजबूरीवश ही सही एक दिन और नहा लेंगे, वैसे भी इस बार ठंड कुछ ज्यदा ही रही। पूर्वांचल में तो पारा काफी दिनों से सामान्य के ऊपर है, लेकिन इधर तो कतई ठंड पड़ रही है जी।

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  9. taswiren bahut achhi lagin. khile huwe gulabo ke beech hawa ke badsaluki ke karan murjhaye huwe gulabon ko dekh murjhaye satyarth ne thoda mayush kiya.

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